शोभना शर्मा। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने प्रदेश के दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाने के लिए एक सशक्त पहल की है। मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना 2025 के अंतर्गत इस वर्ष 2000 दिव्यांगजनों को मुफ्त आधुनिक स्कूटी उपलब्ध कराई जाएगी। यह योजना ना केवल एक सुविधा है, बल्कि दिव्यांगजनों के आत्मसम्मान, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
झुंझुनूं जिले को मिला 50 स्कूटी का कोटा
राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, झुंझुनूं जिले को इस बार 50 लाभार्थियों के लिए स्कूटी देने का लक्ष्य तय किया गया है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2024 में पूरे राज्य में 1500 दिव्यांगजनों को यह सुविधा दी गई थी, लेकिन इस बार सरकार का लक्ष्य 2000 लोगों तक इस लाभ को पहुंचाने का है।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना के तहत दो प्रमुख श्रेणियों के दिव्यांगजनों को पात्र माना गया है:
18 से 29 वर्ष के विद्यार्थी, जो किसी स्कूल, कॉलेज या अन्य मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में नियमित रूप से अध्ययनरत हैं।
29 से 45 वर्ष के व्यक्ति, जो पढ़ाई कर रहे हों या किसी प्रकार का स्वरोजगार कर रहे हों।
इन दोनों वर्गों के दिव्यांग व्यक्ति योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे। योजना के तहत दी जाने वाली स्कूटी पूरी तरह मुफ्त होगी, और इसमें किसी प्रकार की आर्थिक भागीदारी लाभार्थी से नहीं ली जाएगी।
15 मई 2025 तक करें आवेदन
इस योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक अभ्यर्थी संबंधित जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता कार्यालय से संपर्क कर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। झुंझुनूं जिले के सामाजिक न्याय विभाग के उपनिदेशक डॉ. पवन पूनियां ने बताया कि अब तक 20 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और आवेदन प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
कैसे होगा चयन?
प्राप्त आवेदनों की जांच एक जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे। इस समिति में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), जिला परिवहन अधिकारी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक सदस्य होंगे। प्रारंभिक चयन के बाद लिस्ट को जयपुर मुख्यालय भेजा जाएगा, जहां से अंतिम सूची जारी होगी। चयनित लाभार्थियों को स्कूटी का वितरण विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाएगा।
योजना का महत्व
दिव्यांगजनों के लिए स्कूटी केवल एक वाहन नहीं बल्कि स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और गरिमा का प्रतीक बन जाती है। चाहे पढ़ाई के लिए कॉलेज जाना हो या स्वरोजगार के लिए बाहर जाना, यह स्कूटी उनके दैनिक जीवन को कहीं अधिक सरल और सुगम बनाती है। यह पहल सरकार की उस सोच को दर्शाती है जो समाज के हर तबके को मुख्यधारा में लाना चाहती है।
जनभागीदारी से बढ़ेगा लाभ
सरकार की यह अपील भी है कि यदि आपके आस-पास कोई दिव्यांगजन है, जो इस योजना के पात्र हैं, तो उन्हें इस योजना की जानकारी अवश्य दें। यह संभव है कि आपकी छोटी सी जागरूकता किसी की पूरी जिंदगी बदल दे। स्कूटी पाना उनके लिए न केवल एक साधन होगा, बल्कि आत्मविश्वास से भरी एक नई शुरुआत भी होगी।
निशुल्क है पूरी प्रक्रिया
पूरी आवेदन प्रक्रिया और स्कूटी वितरण निशुल्क है। लाभार्थियों को आवेदन करने, स्कूटी प्राप्त करने अथवा अन्य किसी प्रक्रिया में कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिए सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।