मनीषा शर्मा । बारिश का मौसम गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। पानी जमा होने और गंदगी से बैक्टीरिया पनपते हैं, जो सेहत पर बुरा असर डालते हैं। मानसून में कुछ बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है, जिनसे सावधान रहना जरूरी है।
गैस्ट्रोएन्टेरिटिस: बारिश में खराब खाना और पानी गैस्ट्रोएन्टेरिटिस का कारण बनते हैं। इसके लक्षणों में दस्त, पेट में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी शामिल हैं। समय पर इलाज न होने पर यह बीमारी शरीर में पानी की कमी और किडनी फेलियर का कारण बन सकती है।
डेंगू: डेंगू के मामले मानसून में बढ़ जाते हैं। तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर चकत्ते इसके लक्षण हैं। डेंगू रक्तस्रावी बुखार (डीएचएफ) में बदल सकता है, जिससे गंभीर ब्लाडिंग और अंग की कमजोरी हो सकती है।
मलेरिया: बारिश के दौरान मलेरिया फैलता है। इसके लक्षणों में बार-बार तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना और सिरदर्द शामिल हैं। समय पर इलाज न होने पर यह गंभीर एनीमिया और ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है।
हैजा: मानसून में हैजा का खतरा बढ़ जाता है। दस्त, उल्टी और गंभीर डिहाइड्रेशन इसके लक्षण हैं। इलाज न होने पर यह शॉक और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकता है।
इन बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें, साफ पानी पिएं, मच्छरों से बचाव करें और किसी भी संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मानसून का आनंद लें, लेकिन स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।