मनीषा शर्मा। कोटा में देवनारायण आवासीय योजना में पिछले कई दिनों से गंदा और बदबूदार पानी आने के कारण स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त हो गया है। इस समस्या के चलते महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने पानी की टंकी के पास एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। गंदे पानी की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि पुलिस प्रशासन को मौके पर जाप्ता तैनात करना पड़ा।
स्थानीय निवासियों में से एक महिला ने बताया कि नलों में आ रहा गंदा पानी इतना खराब है कि इसे जानवर भी नहीं पी पा रहे हैं। ऐसे में इंसानों के लिए इसे पीना संभव नहीं है। इस गंदे पानी के कारण बच्चों में बीमारियां फैल रही हैं और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ रही है। स्थानीय पशुपालकों को मजबूरी में शहर से भारी कीमत देकर पीने का पानी लाना पड़ रहा है। इस स्थिति ने देवनारायण योजना के प्रति सभी सरकारी विभागों की गंभीरता को सवालों के घेरे में ला दिया है।
घटना की जानकारी मिलते ही उपमहापौर पवन मीणा मौके पर पहुंचे और कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) के अधिकारियों को बुलवाया। KDA के एक्सईएन ललित शर्मा और जेईएन दीक्षांत मित्तल को बुलाकर उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की। जांच में यह पता चला कि कहीं न कहीं लीकेज होने और वहां रखे कोटा स्टोन व स्लरी के कारण पानी दूषित हो रहा है। इसके अलावा, KDA और PHED विभाग के बीच समन्वय की कमी भी इस समस्या का एक बड़ा कारण बनी हुई है।
स्थानीय निवासी पवन मीणा ने चेतावनी दी है कि यदि हालातों में सुधार नहीं हुआ, तो वे कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। 28 मार्च को एक धरना प्रदर्शन भी प्रस्तावित था, लेकिन PHED के अधिकारियों ने उपमहापौर कार्यालय पहुंचकर पशुपालकों से समस्या जानी और समाधान का आश्वासन दिया था। हालांकि, आज तक समस्या जस की तस बनी हुई है, जिसके चलते महिलाओं को मजबूर होकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।