शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक अनोखा दृश्य तब सामने आया जब राज्य की उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने खाटू श्यामजी मंदिर में आम श्रद्धालु की तरह दर्शन किए। गुरुवार देर शाम जब मंदिर के पट 20 घंटे बाद खुले, तब हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई वीआईपी नहीं, बल्कि एक श्रद्धालु की तरह खड़ी थीं राज्य की डिप्टी सीएम। बिना किसी विशेषाधिकार या प्रोटोकॉल के उन्होंने दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार किया और श्याम बाबा के दरबार में शीश नवाया।
वीआईपी कल्चर को दिया करारा जवाब
राजनीति में अक्सर नेताओं को विशेष दर्जा मिलता है, खासकर धार्मिक स्थलों पर। लेकिन दीया कुमारी ने इस परंपरा को तोड़ते हुए यह संदेश दिया कि सच्ची श्रद्धा बिना तामझाम के ही पूरी होती है। न कोई खास द्वार, न कोई सुरक्षा घेरा—वे आम लोगों की कतार में खड़ी रहीं, दर्शन किए और शांति से चली गईं।
उनके इस व्यवहार की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। कई यूजर्स ने लिखा कि अगर सभी नेता इस तरह की सादगी अपनाएं तो आम श्रद्धालुओं को कभी असुविधा नहीं होगी।
श्रद्धालुओं का भावुक सम्मान
दीया कुमारी के इस दर्शन के दौरान न केवल श्रद्धालु भावुक हो गए, बल्कि जब उन्हें पता चला कि उनके बीच में एक राज्य की डिप्टी सीएम खड़ी हैं, तो वे चौंक गए। मंदिर प्रशासन ने उन्हें श्याम दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया। दीया ने भी सादगी से सभी का अभिवादन स्वीकार किया और लोगों के बीच सहज भाव से उपस्थित रहीं।
विकास योजनाओं का लिया जायज़ा
दीया कुमारी का यह दौरा केवल धार्मिक श्रद्धा तक सीमित नहीं था। राज्य की पर्यटन मंत्री होने के नाते उन्होंने खाटूश्यामजी मंदिर के आसपास विकसित किए जा रहे 100 करोड़ रुपए की लागत वाले कॉरिडोर प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि इस योजना को केंद्र सरकार की ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ योजना के अंतर्गत स्वीकृति मिली है और इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं देना है। परियोजना में आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मिलन किया जाएगा।
प्रस्तावित प्रमुख सुविधाएं:
डिजिटल म्यूजियम: जिसमें भगवान श्याम की कथा को ऑडियो-विजुअल तकनीक से प्रदर्शित किया जाएगा।
लाइट एंड साउंड शो: मंदिर के इतिहास को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने की योजना।
ओपन एयर थिएटर और कथा पंडाल: धार्मिक आयोजनों के लिए समर्पित स्थान।
फूड कोर्ट और कैफेटेरिया: स्वच्छ, स्वास्थ्यवर्धक और विविध भोजन विकल्प।
विशाल पार्किंग और ड्रेनेज सिस्टम: जिससे भीड़ नियंत्रण और स्वच्छता दोनों सुनिश्चित होंगे।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम: पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता प्रबंधन।
दीया कुमारी ने इस दौरान अतिरिक्त बजट की आवश्यकता को भी स्वीकार किया और इस पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया।
सादगी में छिपी राजनीतिक संवेदना
दीया कुमारी का यह दौरा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं था, बल्कि राजनीतिक संस्कृति में बदलाव की दिशा में एक सशक्त कदम भी था। जब एक वरिष्ठ नेता आमजन के साथ कतार में खड़ी होती हैं, तो यह न केवल एक आदर्श प्रस्तुत करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि जनसेवक होने का वास्तविक अर्थ क्या है।
इस घटना ने उन सभी नेताओं और विशिष्टजनों को एक संदेश दिया है जो अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर आम जनता को असुविधा पहुंचाते हैं। दीया कुमारी का व्यवहार यह दर्शाता है कि जननेता वही होता है जो जनता के बीच खड़ा हो।
सोशल मीडिया पर जमकर हो रही सराहना
दीया कुमारी के खाटू दर्शन का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। आम जनता से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों तक, सभी ने उनकी सादगी की प्रशंसा की है। कई लोगों ने लिखा कि दीया कुमारी ने साबित कर दिया कि सादगी, श्रद्धा और सेवा से ही जनसमर्थन अर्जित किया जा सकता है।
एक यूजर ने लिखा, “अगर हर नेता दीया कुमारी जैसा आचरण करे, तो जनता को न मंदिर में परेशानी होगी, न व्यवस्था में।” वहीं एक अन्य ने कहा, “दीया कुमारी ने दिखा दिया कि आस्था दिखाने के लिए विशेष द्वार की नहीं, खुले मन और आत्मीयता की ज़रूरत होती है।”