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धर्मेंद्र राठौड़ का आरोप- देवनानी संविधान की कर रहे अवहेलना

धर्मेंद्र राठौड़ का आरोप- देवनानी संविधान की कर रहे अवहेलना

शोभना शर्मा । राजस्थान की सियासत में एक बार फिर संविधान और विधायी मर्यादाओं को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। अजमेर दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। राठौड़ ने आरोप लगाया कि देवनानी संविधान की खुली अवहेलना कर रहे हैं और जानबूझकर बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द नहीं कर रहे हैं।

राठौड़ ने उठाए दोहरे मापदंडों पर सवाल

धर्मेंद्र राठौड़ ने लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के मामले को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब अदालत का फैसला आया तो लोकसभा अध्यक्ष ने महज 24 घंटे में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी और तुरंत उनका सरकारी आवास तक खाली करवा दिया गया। लेकिन दूसरी तरफ, राजस्थान में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को कोर्ट से तीन साल की सजा मिलने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

राठौड़ ने कहा कि यह न्याय प्रक्रिया के साथ भेदभाव है और सीधा-सीधा भारतीय संविधान पर हमला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष देवनानी का व्यवहार पक्षपातपूर्ण है और वे भाजपा के दबाव में संविधान की मर्यादा को तोड़ रहे हैं।

कंवरलाल मीणा पर कोर्ट का फैसला और कांग्रेस की मांग

गौरतलब है कि 1 मई को भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को एक मामले में एसडीएम पर बंदूक तानने के आरोप में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी। कांग्रेस ने इसे आधार बनाकर उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। राठौड़ ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने चार बार विधानसभा अध्यक्ष से व्यक्तिगत मुलाकात और टेलीफोन के माध्यम से यह मांग की, लेकिन हर बार उनकी बात को अनदेखा किया गया।

राठौड़ ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि यदि सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कानून अलग होगा और विपक्ष के लिए अलग, तो यह संविधान की आत्मा को कुचलने जैसा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करना और कंवरलाल पर चुप्पी साधना साफ दर्शाता है कि भाजपा संविधान के साथ राजनीतिक खेल खेल रही है।

समुदाय विशेष को टारगेट करने के आरोप

धर्मेंद्र राठौड़ ने देवनानी पर यह भी आरोप लगाया कि वे विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद से 65 से अधिक प्रशासनिक बैठकों की अध्यक्षता कर चुके हैं, लेकिन अजमेर की मूलभूत समस्याएं जैसे पानी और बिजली अब भी जस की तस हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक समुदाय विशेष को लगातार टारगेट किया जा रहा है, और प्रशासन को इसके लिए राजनीतिक निर्देश दिए जा रहे हैं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री का पुतला जलाने की घटना पर तुरंत मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि भाजपा के नेता जब सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालते हैं, तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा

राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पूरे देश में संविधान बचाओ आंदोलन चला रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र और भाजपा शासित राज्यों की सरकारें संवैधानिक संस्थाओं जैसे ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न झुकी है, न झुकेगी, और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी।

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