शोभना शर्मा। जयपुर के बिड़ला सभागार में बुधवार को एक अत्यंत प्रेरणादायी और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें भारत की महान महिला विभूति देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। यह आयोजन देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर भारतीय संस्कृति की प्रतिमूर्ति थीं और उनका जीवन आज भी समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।
देवनानी ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर नारी शक्ति, धार्मिकता और सामाजिक सेवा की जीती-जागती मिसाल थीं। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके शासनकाल में महेश्वर न केवल प्रशासनिक बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध हुआ। उन्होंने घाटों और मंदिरों का निर्माण कर लोकहित में कार्य किए जो आज भी उनके दूरदर्शी नेतृत्व का प्रमाण हैं।
अहिल्याबाई होलकर ने न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्नयन के लिए भी कार्य किया। वे भारतीय नारी के चरित्र, धैर्य और त्याग का सर्वोत्तम उदाहरण थीं। देवनानी ने यह भी कहा कि हमें घर-घर में रामायण का अध्ययन और बच्चों को सनातन संस्कृति से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में नागपुर से आए 40 कलाकारों ने देवी अहिल्या के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया। यह मंचन विश्वमांग्लय सभा एवं राजस्थान के सांस्कृतिक और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। विश्वमांग्लय सभा की ओर से इस नाटक का मंचन देश के 101 जिलों में किया जा रहा है, और जयपुर इसका 30वां पड़ाव था। इस नाटक की लेखिका डॉ. वृशाली जोशी थीं।
इस समारोह में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, सांसद मनोज तिवारी, भैयाजी जोशी, प्रशांत हरतालकर, नीता बूचरा और पूजा देशमुख सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने देवी अहिल्याबाई के जीवन को प्रेरणादायी बताया और इस प्रकार के आयोजन को समाज के लिए जागरूकता और संस्कारों के पुनरुद्धार की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम माना।
इस अवसर पर एक और उल्लेखनीय घटना हुई—राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से जोधपुर एम्स के चिकित्सा अधीक्षक महेश देवनानी ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने पुष्पगुच्छ भेंट कर विधानसभा अध्यक्ष का अभिवादन किया और एम्स की चिकित्सा सेवाओं की जानकारी साझा की।
अहिल्याबाई होलकर का जीवन भारतीय संस्कृति, मातृत्व और सेवा की भावना का एक अनुपम उदाहरण है। ऐसे आयोजनों से वर्तमान और आने वाली पीढ़ियां भारतीय इतिहास और उसकी महान विभूतियों से प्रेरणा ले सकती हैं।