शोभना शर्मा, अजमेर । राजस्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी अजमेर के उत्तर विधानसभा क्षेत्र में जलभराव की समस्या वर्षों से स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी परेशानी बनी हुई थी। लेकिन अब इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष व अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को नगीना बाग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाले के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। यह कार्य मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2024-25 के अंतर्गत स्वीकृत हुआ है।
यह निर्माण कार्य सावित्री कॉलेज से विजयलक्ष्मी पार्क तक किया जाएगा, जिसकी लागत एक करोड़ चार लाख रुपये है। देवनानी ने बताया कि ड्रेनेज व्यवस्था के सुधार के लिए विशेषज्ञ समिति द्वारा एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है और उसी के आधार पर पूरे उत्तर विधानसभा क्षेत्र में नालों के पुनर्निर्माण और नए नालों के निर्माण की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में 40 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न स्थानों पर नाले बनाए जा रहे हैं, जिससे मानसून में जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अजमेर शहर में पहले से मौजूद कई कच्चे नाले अब क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और उनमें मलबा जमा होने से बदबू और गंदगी फैलती है। इन पुराने नालों के पुनर्निर्माण के लिए 36 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। नगीना बाग का यह नाला भी इसी परियोजना का हिस्सा है।
देवनानी ने स्थानीय निवासियों से आग्रह किया कि वे जिम्मेदार नागरिक बनें और निर्माण कार्यों की निगरानी में सहभागिता निभाएं। किसी भी तरह की अनियमितता या कमी नजर आए तो इसकी जानकारी स्थानीय पार्षद या नगर निगम अधिकारियों को दें। साथ ही, नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि नालों की समय-समय पर सफाई सुनिश्चित की जाए।
पेयजल व्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि गर्मियों में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया गया है। वर्तमान में क्षेत्र में हर 48 घंटे में पानी की आपूर्ति हो रही है, जिसे और अधिक नियमित किया जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बीसलपुर पेयजल परियोजना के विस्तार के लिए 270 करोड़ रुपये की लागत से कोटड़ा, लोहागल और वरुण सागर में तीन सर्विस रिजर्वायर बनाए जाएंगे, जिससे भविष्य में जल संकट की समस्या नहीं रहेगी।
देवनानी ने विद्युत आपूर्ति की निरंतरता के लिए 4.5 करोड़ रुपये की लागत से ऑटोमैटिक फीडर लगाने की घोषणा भी की, जिससे बिजली कटौती के समय पंप हाउस बंद नहीं होंगे और जलापूर्ति सुचारु बनी रहेगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक के लिए 65 करोड़ रुपये और सैटेलाइट हॉस्पिटल के लिए 21 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। अस्पताल में 24 घंटे चालू ‘स्पीकर हेल्प डेस्क’ से अब तक 3 हजार से अधिक मरीज लाभान्वित हो चुके हैं।
अंत में उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी अजमेर के लिए 2,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। इनमें आईटी पार्क, साइंस पार्क, कन्वेंशन सेंटर, वरुण सागर घाट सौंदर्यीकरण और लेपर्ड सफारी जैसी योजनाएं शामिल हैं, जो शहर को पर्यटन, रोजगार और आधुनिक विकास के पथ पर अग्रसर करेंगी। इस अवसर पर महापौर ब्रजलता हाडा, राजेश शर्मा, पार्षद नलिनी शर्मा, अनूप गुप्ता, श्याम महेश्वरी, कौशल हेडा, प्रवीण जैन सहित क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।