मनीषा शर्मा । अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाले मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती और अन्य पांच आरोपियों को आज न्यायालय ने बरी कर दिया। इस फैसले को लेकर अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने तत्कालीन गहलोत सरकार के पुलिस महकमे पर निशाना साधा है।
नीरज जैन ने कहा कि आरोपियों को बरी किए जाने के पीछे तत्कालीन कांग्रेस की गहलोत सरकार का दोष है क्योंकि उस समय पुलिस प्रशासन ने चालान पेश करते समय कानूनी खामियां छोड़ दी थीं, जिससे आरोपियों को इसका सीधा लाभ मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि आईपीसी की खामियों और अभियोजन पक्ष की कमजोर पैरवी के कारण देश में अलगाववादी ताकतों और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिला है।
उपमहापौर ने कहा कि इस मामले में पुलिस प्रशासन और अभियोजन पक्ष की लापरवाही के कारण देश के सौहार्द्र को बिगाड़ने का काम हुआ है। उन्होंने गहलोत सरकार और उनके पुलिस महकमे को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ऐसे फैसले से अलगाववादी ताकतों को प्रोत्साहन मिलता है और कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
यह मामला देश की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द्र के लिए गंभीर है और इस पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।