मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति इन दिनों एक बार फिर गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (पीसीसी चीफ) गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि देवनानी महिला विधायकों की जासूसी करते हैं और इसके लिए विधानसभा में लगाए गए कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है। डोटासरा के इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। भाजपा ने इसे महिलाओं का अपमान करार देते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।
डोटासरा के बयान से भड़कीं डिप्टी सीएम दीया कुमारी
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने डोटासरा के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिए गए इस तरह के शर्मनाक बयान उनकी संकीर्ण और महिलाओं के प्रति असंवेदनशील मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने महिलाओं का अपमान किया हो। पिछली विधानसभा में भी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने यह कहकर कि “यह तो मर्दों का प्रदेश है” महिलाओं का अपमान किया था।
दीया कुमारी ने कहा कि आज फिर कांग्रेस की उसी विकृत सोच की झलक सामने आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति और समाज सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले वासुदेव देवनानी जैसे वरिष्ठ नेता पर निराधार और अपमानजनक आरोप लगाना बेहद शर्मनाक है। इससे कांग्रेस की हताशा और गिरी हुई राजनीति का स्तर साफ झलकता है।
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि राजस्थान की जनता ऐसी राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगी, जिसमें महिलाओं का अपमान और झूठे आरोपों का सहारा लिया जाता हो।
मंत्री सुमित गोदारा ने की निंदा
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने भी डोटासरा के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने जिस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल किया है, वह बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है। उन्होंने याद दिलाया कि डोटासरा पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं।
गोदारा ने कहा, “कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि मेरी जूती भी माफी नहीं मांगेगी। यह सुनकर हम सभी को बहुत अपमानजनक महसूस हुआ था।” उन्होंने कहा कि विधानसभा एक पवित्र स्थल है, जहां जनता के हित के मुद्दे उठाए जाने चाहिए, न कि इस तरह के अपमानजनक आरोप।
“विवादित बयान देना डोटासरा का स्वभाव”
मंत्री गोदारा ने आगे कहा कि डोटासरा का विवादित बयान देना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि डोटासरा का स्वभाव ही ऐसा है कि वे अक्सर गलत और उत्तेजक बातें कहते हैं।
गोदारा ने कहा कि वासुदेव देवनानी ने विधायक, शिक्षा मंत्री और अब विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रदेश की राजनीति में अपनी एक छाप छोड़ी है। ऐसे सम्मानित और वरिष्ठ नेता के बारे में गलत बयान देना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि विधानसभा स्पीकर की चेयर का भी।
मंत्री ने यह भी कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और डोटासरा के बयान आपस में विरोधाभासी थे। इससे यह साफ हो जाता है कि कांग्रेस मुद्दाविहीन हो चुकी है और जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।
भाजपा नेता रूपेश कान्त व्यास ने जताया आक्रोश
भाजपा नेता रूपेश कान्त व्यास ने भी डोटासरा के बयान पर कड़ा रोष जताया। उन्होंने कहा कि यह बयान डोटासरा की ओछी मानसिकता को उजागर करता है।
व्यास ने कहा कि यह बयान न केवल संवैधानिक पद पर बैठे विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ है, बल्कि महिलाओं का भी सीधा अपमान है। उन्होंने कहा कि राजनीति में पक्ष-विपक्ष चलता रहता है, लेकिन मर्यादा का पालन करना हर किसी की जिम्मेदारी है।
कांग्रेस पर भाजपा का सीधा हमला
भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस अब पूरी तरह मुद्दाविहीन हो चुकी है। सरकार और विपक्ष के बीच की स्वस्थ राजनीति को किनारे कर कांग्रेस नेता अब केवल विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।
भाजपा का यह भी कहना है कि इस तरह के आरोप और बयान न केवल महिला विधायकों का अपमान हैं, बल्कि राजस्थान की जनता के विश्वास का भी अनादर है।