मनीषा शर्मा। राजस्थान में बीते कुछ दिनों में डेंगू के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 3,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य के चिकित्सा विभाग को विशेष कदम उठाने पड़े हैं। जयपुर समेत अन्य जिलों में सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में 24 घंटे डेडिकेटेड ओपीडी शुरू की गई है। यह ओपीडी मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए शुरू की गई है, जिससे मरीजों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
डेंगू के अलावा अन्य मौसमी बीमारियाँ भी बढ़ रहीं हैं
डेंगू के साथ-साथ मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। राज्य में अब तक 3648 डेंगू केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सबसे अधिक 467 मामले उदयपुर से हैं। जयपुर में 325, जयपुर ग्रामीण में 301, बीकानेर में 290, टोंक में 116 और कोटा में 158 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा मलेरिया के 967 और चिकनगुनिया के 131 मामले रिपोर्ट हुए हैं।
साधारण बुखार में भी डेंगू जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं, जिससे मरीजों की प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही है। चिकित्सक एलाइजा टेस्ट के जरिए डेंगू की पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन साधारण बुखार के मरीजों को भी यह टेस्ट करवाना पड़ रहा है।
डेंगू के लक्षण और उपचार
डेंगू के लक्षण अचानक तेज बुखार से शुरू होते हैं। यह बुखार गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के साथ आता है। इसके अलावा, थकान, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। हल्के रक्तस्राव जैसे नाक और मसूड़ों से खून आना भी डेंगू के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं।
यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार है, तो उसे तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर सामान्यतः प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करते हैं, क्योंकि डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है। अगर समय रहते उपचार नहीं लिया जाता, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
डेंगू से बचाव के तरीके
डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि मच्छरों के काटने से खुद को सुरक्षित रखा जाए। इसके लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें और घर के आसपास साफ पानी जमा न होने दें। रुके हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं, जिससे उनका प्रजनन होता है। घर से बाहर जाते समय पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
यदि आपको डेंगू के लक्षण महसूस होते हैं, तो जल्द से जल्द चिकित्सकीय परामर्श लें। इस मौसम में तेज बुखार को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
राजस्थान में डेंगू का असर
राजस्थान में इस समय डेंगू के बढ़ते मामलों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है। सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी के अनुसार, अस्पताल में डेंगू के अलावा अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, डेंगू के लक्षण कई दिनों तक बने रहते हैं और सही समय पर उपचार न मिलने से स्थिति और गंभीर हो सकती है।
डेंगू की बीमारी मानसून के मौसम में अधिक फैलती है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों का प्रजनन तेज होता है। इस समय राज्य के कई हिस्सों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है।


