मनीषा शर्मा। उदयपुर जिले के मावली में ग्रामीणों ने मदरसे को आवंटित जमीन के खिलाफ बड़े पैमाने पर धरना-प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किए गए भूमि आवंटन के संदर्भ में था। प्रदर्शनकारी मावली के पुराने बस स्टैंड पर इकट्ठा हुए, जहां उन्होंने राम धुन गाई और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद एक 1 किमी लंबी रैली निकालकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीपेंद्र सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शन का आयोजन
प्रदर्शन में मावली और आस-पास के क्षेत्रों के व्यापारी और स्कूलों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। इस दौरान चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि सर्व समाज की मांग है कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में 4 बीघा 16 बिस्वा जमीन जो मदरसे को आवंटित की गई थी, उसे निरस्त किया जाए। सांसद जोशी ने इस संबंध में अब्दुल रहमान प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि आवंटित जमीन के आसपास हिन्दू मंदिर और श्मशान भी हैं, इसलिए इसका आवंटन उचित नहीं है।
अब्दुल रहमान प्रकरण का संदर्भ
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मंत्री मित्तल कुमार ने जानकारी दी कि गहलोत सरकार ने 2021 में मावली में दो आराजी संख्याओं के तहत मदरसे के लिए 4 बीघा 16 बिस्वा जमीन आवंटित की थी। यह जमीन जलभराव क्षेत्र में आती है, जिसे अब्दुल रहमान प्रकरण से प्रभावित माना जाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह आवंटन इसलिए भी अनुचित है क्योंकि यहां श्मशान और मंदिर भी स्थित हैं।
प्रदर्शन की प्रक्रिया
प्रदर्शन सुबह 10 बजे से शुरू हुआ जब ग्रामीण मावली के पुराने बस स्टैंड पर जुटने लगे। दोपहर 12 बजे तक यहां हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और भजन गाए गए। इसके बाद, प्रदर्शनकारी 12 बजे पुराने बस स्टैंड से रैली के रूप में निकले, जो मुख्य बाजार होते हुए 3 किमी दूर एसडीओ कार्यालय पहुंची। वहां पहुंचने पर, उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीपेंद्र सिंह राठौड़ को ज्ञापन दिया और मांग की कि जमीन का आवंटन निरस्त किया जाए।
सांसद जोशी का समर्थन
चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जनभावनाओं को देखते हुए यह आवश्यक है कि ऐसी जमीनें निरस्त की जाएं। उन्होंने कहा, “भाजपा की सरकार है, और ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। जहां आवश्यकता नहीं है, वहां कोई भी ऐसा कार्य नहीं होगा।” जोशी ने आश्वासन दिया कि यह जमीन जल्द ही निरस्त होगी।
प्रदर्शन का असर
इस विरोध प्रदर्शन का असर मावली और आसपास के क्षेत्रों में साफ देखने को मिला। मावली कस्बे के अलावा फतहनगर, घासा, डबोक, खेमली और पलाना कलां जैसे क्षेत्रों में भी व्यापार और स्कूल बंद रहे। यह स्पष्ट था कि स्थानीय निवासियों की एकजुटता ने इस मुद्दे को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
कलेक्टर का पत्र
मावली एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर उदयपुर जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर जमीन का आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की मांग की है। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के ग्रुप-3 के संयुक्त शासन सचिव को पत्र में कहा है कि यह आवंटन उचित नहीं है और इसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए।