latest-newsअजमेरराजस्थान

अजमेर में व्याख्याताओं का प्रदर्शन: RPSC प्राध्यापक भर्ती 2015 में समान वरिष्ठता सूची की मांग तेज

अजमेर में व्याख्याताओं का प्रदर्शन: RPSC प्राध्यापक भर्ती 2015 में समान वरिष्ठता सूची की मांग तेज

मनीषा शर्मा।   राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अजमेर कार्यालय के बाहर शुक्रवार को व्याख्याताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन प्राध्यापक स्कूल शिक्षा कॉमन सीनियरिटी संघर्ष समिति की ओर से किया गया। व्याख्याताओं की मुख्य मांग यह रही कि सभी प्राध्यापकों के लिए समान रूप से वरिष्ठता सूची तैयार की जाए। उन्होंने इस संदर्भ में RPSC सचिव को ज्ञापन भी सौंपा।

RPSC प्राध्यापक भर्ती 2015 और विवाद की पृष्ठभूमि

ज्ञापन में बताया गया कि RPSC प्राध्यापक भर्ती 2015 के तहत कुल 19 विषयों में 13,098 प्राध्यापकों का चयन किया गया था। इसके बाद, राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 के नियम-36 के तहत विभाग ने नियुक्ति तिथि के आधार पर वरिष्ठता सूची तैयार की। लेकिन इस सूची से बड़ा असंतोष व्याख्याताओं में देखने को मिला। कारण यह है कि 19 विषयों में से केवल 10 विषयों के प्राध्यापक ही विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) के जरिए चयनित हो पा रहे हैं। वहीं, शेष 9 विषयों के एक भी प्राध्यापक का चयन नहीं हो रहा। इससे हजारों व्याख्याताओं के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

शिक्षा सेवा नियम 2021 और कार्मिक विभाग का परिपत्र

व्याख्याताओं ने कहा कि राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 कार्मिक विभाग के परिपत्र के आधार पर तैयार किए गए हैं। इस परिपत्र में संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई थी। इसके लिए कार्मिक विभाग और शिक्षा विभाग के बीच नियमित चर्चाएं हुईं और संशोधित परिपत्र जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग की पत्रावली को मुख्यमंत्री तक भेजा गया है, ताकि अपेक्षित संशोधन को जल्द मंजूरी दी जा सके।

व्याख्याताओं की चिंता और मांग

व्याख्याताओं का कहना है कि नियम संशोधन की प्रक्रिया अधूरी होने के बावजूद शिक्षा विभाग ने उप-प्राचार्य पद पर पदोन्नति की तैयारी शुरू कर दी है। विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक बुलाकर चयनित सूची को लागू करने की योजना बनाई जा रही है। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा हुआ तो हजारों व्याख्याताओं के संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उप-प्राचार्य पद के लिए DPC बैठक का आयोजन केवल परिपत्र संशोधन के बाद ही होना चाहिए

8700 प्राध्यापकों का भविष्य दांव पर

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इस विवाद से लगभग 8700 प्राध्यापक प्रभावित हो रहे हैं। यदि संशोधन से पहले DPC बैठक आयोजित कर दी जाती है, तो इन प्राध्यापकों को उनके संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण नहीं मिल पाएगा। संघर्ष समिति का कहना है कि एक ही भर्ती प्रक्रिया से चयनित सभी प्राध्यापकों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। अन्यथा यह भेदभाव की श्रेणी में आएगा और शिक्षकों में असंतोष और गहरा होगा।

प्रदर्शन के मायने

अजमेर में हुआ यह प्रदर्शन केवल वरिष्ठता सूची तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और न्यायसंगतता पर भी सवाल खड़ा करता है। व्याख्याताओं ने यह साफ किया कि वे किसी भी स्थिति में असमानता बर्दाश्त नहीं करेंगे।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading