शोभना शर्मा। उदयपुर-सलूंबर-बांसवाड़ा स्टेट हाइवे (SH-32) को नेशनल हाईवे में अपग्रेड करने की मांग जोर पकड़ रही है। उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत का तर्क है कि इस स्टेट हाइवे की मौजूदा चौड़ाई और संरचना वर्तमान ट्रैफिक के लिए पर्याप्त नहीं है। इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती ट्रैफिक समस्याओं और सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे फोरलेन हाइवे में बदलने की आवश्यकता है, जिससे उदयपुर से बांसवाड़ा तक का सफर सुगम और सुरक्षित हो सकेगा।
मौजूदा सड़क की समस्याएं
उदयपुर और बांसवाड़ा के बीच का यह स्टेट हाइवे दक्षिणी राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। लेकिन, इसकी कम चौड़ाई और असंरेखित ज्यामितीय संरचना के कारण समय और ईंधन की काफी खपत होती है। साथ ही, इस सड़क पर आए दिन गंभीर सड़क दुर्घटनाएं भी घटित होती हैं, जो यात्रियों के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
सांसद रावत का कहना है कि यह मार्ग न केवल उदयपुर और बांसवाड़ा जैसे दो प्रमुख संभागीय मुख्यालयों को जोड़ता है, बल्कि यह मार्ग आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे फोरलेन में बदलकर, ना केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि समय और ईंधन की बचत भी होगी।
नेशनल हाईवे में अपग्रेड करने की मांग
सांसद रावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि इस स्टेट हाइवे को नेशनल हाईवे घोषित कर इसका फोरलेन निर्माण किया जाए। यह अपग्रेडेशन न केवल क्षेत्र के यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे ट्राइबल क्षेत्र के विकास में भी बड़ा योगदान मिलेगा।
कनेक्टिविटी और आर्थिक लाभ
प्रस्तावित नेशनल हाईवे का मुख्य उद्देश्य उदयपुर स्थित स्वर्णिम चतुर्भुज (NH-48) और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (NH-27) को बांसवाड़ा में मध्यप्रदेश और गुजरात जाने वाले दो प्रमुख नेशनल हाईवे NH-56 और NH-927A से जोड़ना है। इस कनेक्टिविटी से लगभग 1 करोड़ से अधिक लोग, जिनमें से 70% अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के हैं, प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।
यह सड़क जाखम, सोम-कमला-अंबा और माही परियोजनाओं के क्षेत्रों से गुजरती है, जो खाद्यान्न, सब्जियाँ, फल, और दुग्ध उत्पादन में समृद्ध माने जाते हैं। इस हाईवे से इन क्षेत्रों के उत्पाद देश के बड़े बाजारों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। यह हाईवे कृषि और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि को बल मिलेगा।
क्षेत्रीय विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों को लाभ
इस अपग्रेडेशन से 9 विधानसभा क्षेत्रों और 2 लोकसभा क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा। सड़क के फोरलेन होने से इन क्षेत्रों के लोगों को यात्रा के साथ-साथ रोज़गार के भी नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, उद्योगों और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पूरे क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।