शोभना शर्मा। अलवर जिले में हाल ही में सम्पन्न हुई अग्निवीर भर्ती अब ठगी और धोखाधड़ी के मामलों को लेकर सुर्खियों में है। अरावली विहार थाना पुलिस ने मेडिकल फिट कराने के नाम पर एक लाख रुपए ठगने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों में जुनैद खान और सुनील शामिल हैं, जबकि इस पूरे मामले का तीसरा आरोपी अब भी फरार है। पुलिस ने बताया कि फरार आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है और जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा। यह घटना न केवल सेना भर्ती प्रक्रिया की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि युवाओं की मेहनत और सपनों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ पर भी सवाल खड़े करती है।
मामले की शुरुआत तब हुई जब मुनफेद खान नामक एक अभ्यर्थी ने पुलिस को रिपोर्ट दी। मुनफेद, आंधवाडी रेणी गांव का निवासी है और सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था। उसने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान उसकी मुलाकात जुनैद खान से हुई। जुनैद ने खुद को बड़े अफसरों से संपर्क रखने वाला बताया और उसे भरोसा दिलाया कि उसका साथी सुनील उसे मेडिकल टेस्ट में फिट करवा देगा। मुनफेद के दाहिने पैर की चिटकी उंगली में एक प्वाइंट था, जिसकी वजह से वह कई बार भर्ती में बाहर हो चुका था। इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने उससे मेडिकल फिट कराने के नाम पर एक लाख रुपए की मांग की।
पीड़ित मुनफेद ने किसी तरह 50 हजार रुपए एडवांस में दे दिए और शेष 50 हजार रुपए भर्ती पूरी होने के बाद देने का वादा किया। लेकिन जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई तो मुनफेद को पहले ही स्टेज पर लंबाई कम होने की वजह से बाहर कर दिया गया। इससे उसे समझ आ गया कि उसके साथ बड़ा धोखा हुआ है। उसने जब आरोपियों से पैसे वापस करने की मांग की तो पहले तो दोनों ने उसे आश्वासन दिया, लेकिन बाद में फोन उठाना बंद कर दिया और गांव से फरार हो गए।
इससे आहत होकर मुनफेद ने हिम्मत जुटाई और अरावली विहार थाने में ठगी की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर तुरंत कार्रवाई शुरू की। दबिश के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी जुनैद खान और उसके साथी सुनील को गिरफ्तार कर लिया। वहीं तीसरे आरोपी की तलाश जारी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सेना भर्ती जैसी प्रतिष्ठित प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों का उदाहरण है। जहां युवा अपने भविष्य और देश सेवा की उम्मीदों को लेकर भर्ती में हिस्सा लेते हैं, वहीं कुछ लोग इस संवेदनशील मौके का फायदा उठाकर उन्हें ठगने का प्रयास करते हैं। यह मामला युवाओं के सपनों से खिलवाड़ और भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है।
अरावली विहार थाना एसएचओ ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उनके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। यह भी जांच का विषय है कि क्या इस पूरे गिरोह के तार सेना भर्ती के अन्य चरणों से जुड़े लोगों से भी मिलते हैं या नहीं। पुलिस ने युवाओं को आगाह किया है कि किसी भी स्थिति में ऐसे फर्जी दलालों और बिचौलियों पर भरोसा न करें और भर्ती से जुड़ी सभी जानकारी केवल अधिकृत स्रोतों से ही प्राप्त करें।
यह मामला सिर्फ अलवर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए चेतावनी है कि यदि वे सेना जैसी महत्वपूर्ण संस्था का हिस्सा बनना चाहते हैं तो किसी शॉर्टकट या गलत रास्ते पर न चलें। आरोपियों ने जिस तरह मेडिकल फिटनेस की आड़ में अभ्यर्थियों को ठगने का प्रयास किया, वह एक गहरी साजिश का हिस्सा लगता है। फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है और जल्द ही फरार आरोपी को भी पकड़कर न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने सेना भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता को भी मजबूती से सामने रखा है।