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फिल्म जॉली एलएलबी-3 के विरुद्ध दायर याचिका पर फैसला 27 मई को

फिल्म जॉली एलएलबी-3 के विरुद्ध दायर याचिका पर फैसला 27 मई को
मनीषा शर्मा, अजमेरजॉली एलएलबी 3 (jolly llb 3) फिल्म की शूटिंग में जज और वकीलों की छवि धूमिल करने को लेकर दायर याचिका पर शनिवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। 
अजमेर की मुंसिफ उत्तर कोर्ट में शनिवार को फिल्म जॉली एलएलबी-3 के विरुद्ध जिला बार एसोसियेशन (District Bar Association)सदस्यों की ओर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। 
इस मामले में फैसला अगली तारीख पेशी 27 मई को आ सकता है।
याचिका पर बहस के दौरान फिल्म अभिनेताओं एवं निर्माता-निर्देशक के वकील ने न्यायालय में याचिका को तथ्यहीन बताते हुए खारिज करने की मांग की। जिस पर बार एसोसियेशन की ओर से उपस्थित वकील ने याचिका को अहम बताते हुए अदालत से सुनवाई की प्रार्थना की। 
दोनों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने 27 मई अगली तारीख पेशी मुकर्रर की, जिसमें याचिका पर फैसला आ सकता है।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रभान सिंह राठौड़ ने बताया कि जॉली फिल्म 3 को लेकर किए गए दावे पर बहस की गई। अधिवक्ता योगेंद्र ओझा ने सभी अधिवक्ताओं की तरफ से पैरवी की। उन्होंने यह बताया कि फिल्म रिलीज होने के बाद ही साफ हो पाएगा कि वकीलों के खिलाफ जज के खिलाफ सारे तथ्य हैं या नहीं। 
मामले की जानकारी देते हुए एडवोकेट योगेंद्र ओझा ने बताया कि आज फिल्म जॉली एलएलबी- 3 को लेकर, जो न्यायालय में प्रकरण चल रहा था। उसमें प्रार्थना पत्र अक्षय कुमार और रेलवे की तरफ से लगाया गया था कि उस मामले में बहस हुई। बहस होने के बाद में दोनों के तरफ से तर्क वितर्क हुए। कोर्ट ने दोनों को सुनने के बाद आगामी 27 मई तारिक दी है।
उल्लेखनीय है कि केकड़ी अदालत में दायर एक अन्य याचिका पहले ही 14 मई को खारिज की जा चुकी है। फिल्म का फिल्मांकन जिले में मसूदा के देवमाली गांव में सफलतापूर्वक चल रहा है।
ये है पूरा मामला
जॉली एलएलबी 3 फिल्म की शूटिंग 29 अप्रैल को डीआरएम कार्यालय में शुरू हुई थी, इसमें अरशद वारसी से संबंधित दृश्य फिल्माए गए थे। दो मई के बाद से डीआरएम कार्यालय परिसर में आम जनता का प्रवेश बंद कर दयह न्याय संगत नहीं है, यदि कोई सार्वजनिक स्थल पर आवश्यक कार्य से आ भी रहा है तो शूटिंग के दौरान खड़े सुरक्षाकर्मी और बाउंसर अभद्र व्यवहार करते हैं।

शूटिंग के लिए कार्यालय पर दिल्ली न्यायालय का बोर्ड लगाया गया । इसके लिए केंद्र सरकार की बिना अनुमति लिए ही 27 लाख रुपये के किराए पर कार्यालय दे दिया गया। फिल्म में न्यायालय की छवि धूमिल करने की कोई कसर नहीं छोड़ी गई। कई आपत्तिजनक डायलॉग भी थे।

राठौड़ ने परिवाद में कहा, “फिल्म की स्क्रिप्ट मंगवा कर आपत्तिजनक कंटेट हटवा दिए जाएं। फिल्म की शूटिंग 13 मई तक होनी है। उधर, डीआरएम कार्यालय के महाप्रबंधक धनखड़ ने कहा, “फिल्म निर्माता ने दिल्ली मुख्यालय से रेलवे की गाइडलाइन के अनुसार अनुमति ली है। उनके द्वारा डिमांड ड्राफ्ट दिया गया है। इससे रेलवे को 27 लाख रुपये की आय होगी।

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