शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार विवाद का केंद्र बने हैं दौसा से कांग्रेस विधायक डीसी बैरवा, जो पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। डीसी बैरवा ने दावा किया है कि उन्हें एक अनजान नंबर से फोन कर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई है। इस घटना के बाद राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
विधायक बैरवा ने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पर जताया संदेह
धमकी मिलने के बाद डीसी बैरवा ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का नाम लेते हुए दावा किया कि उन्हें उन्हीं की ओर से खतरा है। बैरवा का आरोप है कि चुनाव परिणाम आने के बाद कुछ सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें सतर्क रहने को कहा था और अब इस धमकी के पीछे किरोड़ी लाल मीणा की भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि मंत्री की मंशा पर उन्हें संदेह है और यह भी आशंका जताई कि बीजेपी कार्यकर्ता इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
फोन कॉल में दी गई गालियां, अभी तक नहीं दी गई लिखित शिकायत
जानकारी के अनुसार, विधायक डीसी बैरवा को उनके निजी मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया। कॉल के दौरान उस व्यक्ति ने गाली-गलौज करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। विधायक ने इस घटना की मौखिक सूचना पुलिस को दी, हालांकि अब तक उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं सौंपी है। पुलिस ने भी पुष्टि की है कि जब तक लिखित रिपोर्ट नहीं मिलती, तब तक कोई औपचारिक कार्रवाई संभव नहीं है।
एसपी से की मुलाकात, समर्थकों के साथ किया प्रदर्शन
फोन कॉल की घटना के बाद विधायक डीसी बैरवा अपने समर्थकों के साथ दौसा के एसपी सागर राणा से मुलाकात करने पहुंचे। उन्होंने एसपी को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और कहा कि सोशल मीडिया पर भी उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
इस दौरान बैरवा के समर्थकों ने दौसा कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए प्रशासन से तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित रखा।
सियासी गलियारों में मचा हड़कंप
विधायक के इन आरोपों के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। जहां कांग्रेस खेमे में आक्रोश है, वहीं बीजेपी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। डीसी बैरवा के इस आरोप को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस नेतृत्व भी इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।