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राजस्थान में डेंगू का खतरा: जयपुर और उदयपुर में सबसे ज्यादा केस

राजस्थान में डेंगू का खतरा: जयपुर और उदयपुर में सबसे ज्यादा केस

शोभना शर्मा। राजस्थान में इस साल मानसून के बाद डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर गंदा पानी जमा हो गया है, जिससे मच्छरों की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे राज्य में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जयपुर और उदयपुर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं। प्रदेश में अब तक 2313 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पिछले 15 दिनों में ही 700 से अधिक नए केस दर्ज हुए हैं।

डेंगू की बढ़ती चुनौती

राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश के बाद गंदे पानी के जमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इसका सबसे बड़ा असर राजधानी जयपुर और उदयपुर में देखा जा रहा है, जहां डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने हालात को देखते हुए डेंगू की रोकथाम के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत करना शुरू कर दिया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से बेड रिजर्व कर दिए गए हैं, ताकि बढ़ते मरीजों का बेहतर इलाज हो सके।

डेंगू के 2313 मामले दर्ज

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक पूरे प्रदेश में 2313 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 700 से अधिक मामले पिछले 15 दिनों में दर्ज किए गए हैं। जयपुर और उदयपुर सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे चिकित्सा विभाग के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।

डेंगू से बचाव और इलाज

डेंगू एक जानलेवा बीमारी हो सकती है, खासकर अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए। डेंगू के कारण मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। इस स्थिति में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए विशेष इलाज की आवश्यकता होती है। डेंगू से बचाव के लिए लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए और पानी को जमा होने से रोकना चाहिए, क्योंकि मच्छर गंदे पानी में तेजी से पनपते हैं।

सरकार और चिकित्सा विभाग की तैयारियां

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। एसएमएस अस्पताल और अन्य प्रमुख अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं। साथ ही, मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। चिकित्सा विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाएं और इलाज करवाएं।

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