मनीषा शर्मा। जैसलमेर जिले से करीब 70 किलोमीटर दूर फतेहगढ़ उपखंड के डांगरी गांव में किसान खेत सिंह की हत्या के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। गांव में हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग अपने घरों में सिमटे हुए हैं। माहौल को देखते हुए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं और 400 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को गांव में तैनात किया गया है। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है।
किसान की हत्या के बाद शव अभी गांव नहीं लाया गया था, जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश और अधिक बढ़ गया। इस बीच पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।
दुकानों और डंपर में आगजनी से बढ़ा तनाव
हत्या की वारदात के बाद गांव का माहौल और अधिक बिगड़ गया। बुधवार को पूरे दिन डांगरी बाजार बंद रहे। शाम होते-होते कुछ लोगों ने गुस्से में आकर बाजार में टायर-ट्यूब की एक दुकान में आग लगा दी। आग इतनी भीषण थी कि आसपास की तीन और दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। देर रात करीब 11 बजे ग्रामीणों ने आरोपियों के एक डंपर को भी आग के हवाले कर दिया।
प्रशासन और पुलिस सतर्क, ‘डांगरी चलो’ का आह्वान
सांगड़ थाना क्षेत्र में स्थिति को काबू में लाने के लिए जिला कलेक्टर प्रताप सिंह और एसपी अभिषेक शिवहरे मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने ‘डांगरी चलो’ का आह्वान किया, जिससे अधिक से अधिक भीड़ एकत्रित हो सके। पुलिस इस आह्वान को देखते हुए और भी सतर्क हो गई है।
एसपी अभिषेक शिवहरे ने कहा कि “हमने लोगों से घरों में रहने की अपील की है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और गांव में शांति बनी हुई है।”
वारदात कैसे हुई?
2 सितंबर की रात सुमेल गांव का किसान खेत सिंह (50) अपने खेत में सो रहा था। तभी बदमाशों ने उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल खेत सिंह पूरी रात खेत में पड़ा रहा। 3 सितंबर की सुबह जब आसपास के किसानों ने उसे देखा तो तुरंत फतेहगढ़ सरकारी अस्पताल ले गए।
डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे बाड़मेर रेफर किया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस खबर ने पूरे इलाके को हिला दिया और गुस्से का माहौल बन गया।
हिरण का शिकार रोकना बना हत्या की वजह
स्थानीय लोगों के अनुसार, किसान खेत सिंह ने कुछ दिनों पहले हिरण का शिकार करने का प्रयास कर रहे लोगों को रोका था और उन्हें कड़ी हिदायत दी थी। इसी बात से आरोपी उससे रंजिश मान बैठे और मौका पाकर उसकी हत्या कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि खेत सिंह हमेशा शिकार के खिलाफ खड़े रहते थे और वन्य जीवों की रक्षा करते थे।
ग्रामीणों में आक्रोश और शोक
हत्या की खबर फैलते ही पूरे डांगरी गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बुधवार को बाजार पूरी तरह से बंद रहे। वहीं, गुरुवार को कुछ लोग सांगड़ थाना परिसर के सामने प्रदर्शन की तैयारी करने लगे। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त फोर्स बुलाकर गांव में बैरिकेडिंग कर दी है और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों की पीड़ा
किसान खेत सिंह डांगरी से 3 किलोमीटर दूर सुमेलनगर गांव के निवासी थे। उनका परिवार खेती-बाड़ी पर निर्भर था। उनके घर में पत्नी, एक बेटी और तीन बेटे हैं। खेत सिंह अक्सर अपने खेत में ही रहते थे, खासकर इस समय जब ग्वार की फसल तैयार हो रही थी।
वन्यजीव प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में कई लोग शिकार रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन वन विभाग की चुप्पी और लापरवाही के कारण शिकारी लगातार सक्रिय रहते हैं। यही वजह है कि ऐसे जागरूक लोगों को अक्सर निशाना बनाया जाता है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि “लोकतांत्रिक समाज में इस तरह की घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। प्रशासन दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।”