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राजस्थान की संस्कृति – परंपराएँ, त्यौहार और रीति-रिवाज

राजस्थान की संस्कृति – परंपराएँ, त्यौहार और रीति-रिवाज

राजस्थान की संस्कृति विविधताओं से समृद्ध  है, यहाँ के लोगों को  इतिहास और परंपरा की गहरी समझ है। राजाओं की यह भूमि जीवंत और रंगीन राज्य है जहां परंपरा और संस्कृति साथ-साथ चलती हैं । आइए जानते है राजस्थान से जुड़ी कुछ खास बाते –

राजस्थानी कला ओर शिल्प 

राजस्थान अपनी पारंपरिक कला और शिल्प के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। राजस्थान की सबसे लोकप्रिय कलाओं और शिल्पकारी  में ब्लॉक प्रिंटिंग, टाई और डाई, संगमरमर जड़ाई का काम और लघु चित्रकला शामिल हैं।

राजस्थान का खान – पान 

राजस्थान अपने चटपटे और तीखे व्यंजनों के लिए जाना जाता है। राजस्थानी व्यंजन अक्सर घी या दही के साथ परोसे जाते हैं, जो गर्मी को संतुलित करने में मदद करता है।दाल बाटी चूरमा, घेवर और कचौरी  कुछ स्वादिष्ट व्यंजन है जो सबसे प्रसिद्ध हैं।

राजस्थान की भाषा
राजस्थान मे राजस्थानी भाषा बोली जाती है लेकिन बोली के आधार पर राजस्थानी भाषा के भी कई  प्रकार है जैसे – मारवाड़ी , मेवड़ी , बागाडी, शेखावटी औरअन्य ।

पारंपरिक पोशाक

राजस्थान के राजसी शासकों का  निवास था यही कारण है की यहाँ के पारंपरिक पहनावे मे  भी शाही भूमि की संस्कृति  की झलक साफ दिखाई देती है। यहाँ औरतें-घाघरा कुर्ती तथा पुरुष- धोती,कुर्ता पेंट पहनते हैं।

स्थापत्य की विरासत

राजस्थान भारत के सबसे प्रभावशाली किलों और महलों का घर है, जिन्हें राजपूत शासकों ने बनवाया था। स्थापत्य विरासत राजस्थान की संस्कृति का सबसे प्रतिष्ठित तत्व है।राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण वास्तुशिल्प कार्यों में मेहरानगढ़ फोर्ट , दिलवाड़ा श्राइन, लेक पैलेस रिज़ॉर्ट, जंतर मंतर, सिटी पैलेस, चित्तौड़गढ़ किला और जैसलमेर हवेलियाँ शामिल हैं।

ऊँट महोत्सव 

राजस्थान के बीकानेर मे हर साल जनवरी के महीने मे अंतर्राष्ट्रीय ऊँट महोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम किसी खास त्योहार से काम नहीं होता है और इसमे ऊंट के मालिक और व्यापारी अन्य ऊंट मालिकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए राज्य भर से आते हैं जो देशी और  विदेशी पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है ।

लोक संगीत और नृत्य

राजस्थान का संगीत ज्यादातर लोक परंपराओं पर आधारित है जिसका प्रदर्शन ढोलक, शहनाई और सारंगी जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ किया जाता है। राजस्थान का लोक नृत्य घूमर नृत्य हैं, जो महिलाएं करती हैं।  इसके अलावा रजस्थान का कालबेलिया नृत्य विश्व प्रसिद्ध है, जो कालबेलिया समुदाय द्वारा किया जाता है ।

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