शोभना शर्मा। करौली जिले का मदन मोहनजी मंदिर इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है। जन्माष्टमी की सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था। भक्त उपवास रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में पहुंचे और भगवान मदन मोहन के चरणों में अपनी आस्था अर्पित की।
मंदिर में सुबह मंगला आरती के साथ ही उत्सव की शुरुआत हो गई। इसके बाद पूरे दिन मंदिर परिसर में भक्ति-भावना और उल्लास का माहौल बना रहा। हजारों श्रद्धालु भगवान के 108 बार परिक्रमा करते हुए सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
रात 12 बजे कृष्ण जन्म की विशेष झांकी
मंदिर प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि परंपरा के अनुसार रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन होगा। इसी समय मंदिर में भगवान के प्राकट्य की विशेष झांकी सजाई जाएगी। इस झांकी के दर्शन के लिए दूर-दराज़ से श्रद्धालु करौली पहुंच रहे हैं। जन्माष्टमी की रात मंदिर परिसर में मंगला आरती, भजन-कीर्तन और बधाई गीतों के बीच विशेष पूजा की जाएगी।
मंदिर परिसर में बधाई गीतों की गूंज
भगवान के जन्म से पहले ही मंदिर परिसर में भक्तिमय माहौल चरम पर पहुंच चुका है। परंपरा के अनुसार श्रद्धालुओं ने बधाई गीत गाए, जिनसे वातावरण में उल्लास भर गया। इन गीतों की गूंज से मंदिर परिसर “मिनी वृंदावन” का स्वरूप ले चुका है।
186 साल पुरानी परंपरा – ढांडा-ढांडी नृत्य
मंदिर में सबसे खास आयोजन ढांडा-ढांडी नृत्य रहा, जो नंद बाबा के दरबार में परंपरा के रूप में आज भी जीवित है। इस कार्यक्रम में मंदिर के पूर्व गुसाई प्रदीप किशोर गोस्वामी ने नंदबाबा की भूमिका निभाई। उन्होंने भगवान की पोशाक की अगवानी की और भजनों के साथ ढांडा-ढांडी नृत्य ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रियासतकालीन परंपरा के तहत करौली के चौधरी परिवार की ओर से भगवान श्रीकृष्ण के लिए विशेष पोशाक चढ़ाई गई। यह परंपरा पिछले 186 वर्षों से निरंतर निभाई जा रही है। इस बार परिवार की सातवीं पीढ़ी ने भगवान मदन मोहनजी को पोशाक अर्पित की।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी दो शिफ्ट में बांटी गई है—पहली शिफ्ट शाम 4 बजे तक और दूसरी शिफ्ट रात 12:30 बजे तक रहेगी। जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना और एसपी लोकेश सोनवाल खुद सुरक्षा और व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं।
यातायात पर नियंत्रण
श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए यातायात व्यवस्था पर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। शहर के प्रमुख मार्गों पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। तिपहिया और चौपहिया वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। दोपहिया वाहनों के लिए निर्धारित पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को वाहन पार्क करने के बाद मंदिर तक पैदल पहुंचना होगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के इंतजाम
मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं। प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं। वहीं पुरानी नगर पालिका पर श्रद्धालुओं के लिए चप्पल-जूते उतारने की व्यवस्था की गई है।
प्रसाद वितरण – पंचामृत और पंजीरी
मदन मोहनजी मंदिर में जन्माष्टमी पर प्रसाद के रूप में पंचामृत और पंजीरी का वितरण किया जाता है। मान्यता है कि श्रद्धालु पंचामृत और पंजीरी ग्रहण करने के बाद ही अपने उपवास को तोड़ते हैं। यही कारण है कि रात 12 बजे विशेष झांकी के बाद भक्त बड़ी संख्या में मंदिर में प्रसाद प्राप्त करते हैं।
करौली – मिनी वृंदावन का स्वरूप
करौली का मदन मोहनजी मंदिर जन्माष्टमी पर ‘मिनी वृंदावन’ का रूप ले चुका है। भक्ति, भजन-कीर्तन, परंपरा और उत्साह का ऐसा संगम पूरे क्षेत्र में कहीं और नजर नहीं आता। इस भव्य आयोजन में हर आयु वर्ग के लोग शामिल होते हैं और कृष्ण जन्म का उल्लास पूरे जिले को एकता और आस्था की डोर में बांध देता है।


