शोभना शर्मा, अजमेर। आजकल क्रेडिट कार्ड लोगों की जरूरत बन गए हैं। अगर आपके पास नकद पैसे नहीं हैं, तो क्रेडिट कार्ड की मदद से आप आसानी से शॉपिंग कर सकते हैं और कई बार बेहतर डिस्काउंट्स भी प्राप्त कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई राशि एक लोन की तरह होती है, जिसे ग्रेस पीरियड के अंदर चुकाना पड़ता है। इस समय सीमा के भीतर चुकाने पर ब्याज नहीं लिया जाता, लेकिन समय सीमा चूकने पर भारी ब्याज देना पड़ सकता है। यही कारण है कि कई लोग क्रेडिट कार्ड के कर्ज में फंस जाते हैं। अगर आप भी इसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer) एक उपाय हो सकता है।
क्या होता है बैलेंस ट्रांसफर?
बैलेंस ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड से जुड़ी एक सुविधा है जिसमें एक कार्ड से दूसरे कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर कर बिल का भुगतान किया जाता है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि आपके दूसरे क्रेडिट कार्ड की लिमिट (जिससे आप रकम ट्रांसफर कर रहे हैं) ज्यादा हो। आप अपने क्रेडिट कार्ड का 75% तक अमाउंट ही ट्रांसफर कर सकते हैं। जिस बैंक के कार्ड से बैलेंस ट्रांसफर किया जाता है, वह बैंक इस सेवा के बदले में जीएसटी और प्रोसेसिंग फीस वसूलता है।
बैलेंस ट्रांसफर के फायदे
बैलेंस ट्रांसफर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप दूसरे क्रेडिट कार्ड की राशि से पहले कार्ड का कर्ज चुका सकते हैं। इस प्रक्रिया से आपको नए कार्ड पर एक नया ग्रेस पीरियड मिलता है, जिसमें आप बिना ब्याज के राशि चुका सकते हैं। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी सुरक्षित रहता है और आप डिफॉल्टर बनने से बच सकते हैं। इस तरीके से आप कर्ज के जाल में फंसने से भी बच सकते हैं, लेकिन इसका सही उपयोग करना जरूरी है।
बैलेंस ट्रांसफर का तरीका
बैलेंस ट्रांसफर करने के दो प्रमुख तरीके होते हैं। पहला, आप बैंक के कस्टमर केयर पर फोन कर बैलेंस ट्रांसफर की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। दूसरा, आप खुद बैंक के ऐप या वेबसाइट के माध्यम से बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए आपको दोनों क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स की आवश्यकता होती है। आप बैलेंस ट्रांसफर को चुकाने के लिए एकमुश्त या ईएमआई विकल्प भी चुन सकते हैं।
बैलेंस ट्रांसफर का गलत इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक
बैलेंस ट्रांसफर एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है, लेकिन इसका बार-बार उपयोग करना हानिकारक साबित हो सकता है। यदि आप बार-बार इस सुविधा का उपयोग करते हैं, तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, यदि आप बैलेंस ट्रांसफर के बाद भी ग्रेस पीरियड में राशि नहीं चुका पाते हैं, तो आपको फिर से कर्ज में फंसने का खतरा हो सकता है। क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर बहुत ऊंची होती है, और यह ब्याज चक्रवृद्धि के आधार पर वसूला जाता है, जिससे कर्ज और भी बढ़ सकता है।
बैलेंस ट्रांसफर एक अच्छा विकल्प हो सकता है, यदि इसे सही समय और सही तरीके से उपयोग किया जाए। यह आपको कर्ज के जाल से निकाल सकता है और आपके क्रेडिट स्कोर को सुरक्षित रख सकता है। लेकिन इसका बार-बार उपयोग करना खतरनाक साबित हो सकता है और आपको और भी बड़े कर्ज में धकेल सकता है। इसलिए, बैलेंस ट्रांसफर का इस्तेमाल समझदारी से करें और इसे अपनी वित्तीय योजना का एक हिस्सा बनाएं, न कि आदत।