राजस्थान सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के सभी निजी स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। यह फैसला शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है।
निरीक्षण के 21 बिंदु निर्धारित किए गए हैं जिनमें स्कूल कैम्पस में ज़मीन, क्लास रूम, सब्जेक्ट के मुताबिक़ लैब, छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट्स, लाइब्रेरी और रैम्प जैसे बिन्दु शामिल हैं।
इस फैसले का उद्देश्य:
- निजी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना
- मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाना
- छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना
निजी स्कूल संचालकों ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह फैसला उन्हें प्रताड़ित करने के लिए है। लेकिन सरकार का कहना है कि यह फैसला पूरी योजना के साथ लिया गया है और इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है। यह फैसला अभिभावकों के लिए भी फायदेमंद होगा क्योंकि इससे उन्हें यह पता चल सकेगा कि उनके बच्चे किस तरह के माहौल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि निरीक्षण के दौरान किसी भी स्कूल संचालक को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा।
ग़ैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 के नियम 1993 के अन्तर्गत (Rajasthan Private Schools Inspection 2024) नियम संख्या 21 में निरीक्षण के जो मापदण्ड सरकार द्वारा निर्धारित किये हुए हैं। उन्हीं के अनुसार निरीक्षण किया जाएग और बेवजह किसी स्कूल संचालक को परेशान नहीं किया जाएगा।