मनीषा शर्मा। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं के ड्रेस कोड में बदलाव के कारण विवाद खड़ा हो गया है। बोर्ड ने सोमवार को नए नियम लागू करते हुए मेटल की जीप और चेन लगे कपड़ों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही पुरुष अभ्यर्थियों को कुर्ता और पजामा पहनने की अनुमति दी। इस संशोधन के बाद से अभ्यर्थी सोशल मीडिया पर विरोध कर रहे हैं।
आलोक राज का फिल्मी अंदाज में सख्त बयान
ड्रेस कोड विवाद पर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया के जरिए सख्त चेतावनी दी। उन्होंने फिल्मी अंदाज में ट्वीट कर कहा, “अगर कोई पजामे के नाड़े में कारतूस या चीटिंग मटेरियल लाने की सोच रहा है, तो उसे ‘हवालात की सैर और चक्की पीसिंग एंड पीसिंग एंड पीसिंग’ का सामना करना पड़ेगा। साथ ही कम से कम 10 साल जेल में रहना पड़ेगा।”
नए नियमों पर अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
बोर्ड द्वारा ड्रेस कोड में किए गए बदलाव पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई। सोशल मीडिया पर कई अभ्यर्थियों ने बोर्ड अध्यक्ष के बयान को लेकर गरिमा बनाए रखने की अपील की। वहीं, कुछ ने पत्तों से बने कपड़ों की तस्वीरें शेयर कर नए नियमों में बदलाव की मांग की।
अंडर गारमेंट्स में चीटिंग मटेरियल लाने की घटनाएं
आलोक राज ने यह भी खुलासा किया कि कुछ लोग केवल पजामे के नाड़े में ही नहीं, बल्कि अंडर गारमेंट्स में भी चीटिंग मटेरियल छुपाकर परीक्षा में आते हैं। उन्होंने कहा कि पुरुषों के परिधान में नाड़ा पारंपरिक रूप से शामिल होता है, और भारतीय वेशभूषा को बढ़ावा देने के लिए यह नियम लागू किया गया है।
बोर्ड के इस निर्णय के अनुसार, अब भारतीय वेशभूषा में परीक्षा देने की अनुमति है। हालांकि, अभ्यर्थियों का तर्क है कि यह नियम अनावश्यक विवाद खड़ा कर रहा है।