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इमली फाटक ट्रैफिक जाम: फ्लाईओवर और अंडरपास पर विचार

इमली फाटक ट्रैफिक जाम: फ्लाईओवर और अंडरपास पर विचार

शोभना शर्मा। जयपुर के सहकार मार्ग स्थित इमली फाटक क्षेत्र में ट्रैफिक जाम एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इस जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 50,000 वाहन गुजरते हैं। दिन में 40 से अधिक ट्रेनों के संचालन के कारण फाटक अक्सर बंद रहता है, जिससे ट्रैफिक रुक जाता है और लंबे समय तक जाम की स्थिति बनी रहती है। इस क्षेत्र में महेश नगर, गोपालपुरा बाइपास और आस-पास की कॉलोनियों से आने-जाने वाले वाहनों का बड़ा दबाव रहता है।

जेडीए की पहल: फ्लाईओवर का प्रस्ताव

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इमली फाटक पर फ्लाईओवर निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया है। फ्लाईओवर से इस क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर किया जा सकेगा। जेडीए के इंजीनियरों का मानना है कि फ्लाईओवर सबसे व्यावहारिक समाधान है, क्योंकि यह बिना रुकावट के ट्रैफिक को सुचारु रूप से चलने देगा। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में भेजा गया था, जहां से अंडरपास का विकल्प भी तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।

अंडरपास के लिए चुनौतियां

अंडरपास का निर्माण करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकार मार्ग और उसके आसपास के इलाकों में जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इसके लिए कई मकान और दुकानों को तोड़ना पड़ सकता है। जेडीए इस दिशा में संभावित विकल्पों पर विचार कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अंडरपास के मुकाबले फ्लाईओवर अधिक प्रभावी और व्यावहारिक समाधान हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय: फ्लाईओवर ही बेहतर विकल्प

सहकार मार्ग के ट्रैफिक पैटर्न को देखते हुए विशेषज्ञ फ्लाईओवर या एलीवेटेड रोड को सबसे उपयुक्त विकल्प मानते हैं। ट्रेन के आने-जाने के दौरान जब फाटक बंद रहता है, तो इस क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव चरम पर होता है। फ्लाईओवर बनने से फाटक बंद होने पर भी वाहनों की आवाजाही प्रभावित नहीं होगी। इससे समय और ईंधन की भी बचत होगी।

अंडरपास बनाम फ्लाईओवर: निर्णय का इंतजार

फ्लाईओवर या अंडरपास में से किसी एक को चुनने का निर्णय अभी लंबित है। जेडीए द्वारा दोनों विकल्पों की व्यवहार्यता का अध्ययन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशानुसार, अंडरपास के संभावित लाभों और चुनौतियों का मूल्यांकन किया जाएगा। हालांकि, जमीन अधिग्रहण और संरचनात्मक बदलाव की जटिलताओं को देखते हुए फ्लाईओवर अधिक व्यावहारिक समाधान प्रतीत होता है।

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