शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में इन दिनों माहौल बेहद गर्म है। कोटा शहर कांग्रेस ने आगामी 10 सितंबर को आक्रोश रैली आयोजित करने का एलान किया है। इसको लेकर हुई प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि आज देश खतरनाक दौर से गुजर रहा है। आम नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है।
गुंजल ने कहा कि भारत का संविधान हर नागरिक को वोट देने का अधिकार देता है, लेकिन सत्ता के दबाव और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग से इस ताकत को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। अगर यह अधिकार सुरक्षित नहीं रहा तो संविधान का मूल्य भी खो जाएगा।
इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, देहात अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और कांग्रेस नेता महेंद्र राजोरिया भी मौजूद रहे।
अराजकता और आपदा प्रबंधन पर सरकार को घेरा
प्रहलाद गुंजल ने कहा कि प्रदेश में हर तरफ अराजकता का माहौल है। विकास कार्य ठप पड़े हैं और सरकार जनता की समस्याओं से बेखबर बनी हुई है। खासतौर पर कोटा-बूंदी जिले के गांवों में भारी अतिवृष्टि के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है। लेकिन अब तक प्रभावितों को किसी तरह की राहत नहीं दी गई।
गुंजल ने आरोप लगाया कि सरकार के प्रतिनिधि केवल फोटो खिंचवाने के लिए आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। मौजूदा राहत प्रावधान ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं और यह प्राकृतिक आपदा की भरपाई नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि निमोदा गांव की त्रासदी केवल प्राकृतिक नहीं बल्कि मानवीय गलती का परिणाम भी है। एक भाजपा कार्यकर्ता ठेकेदार को तालाब की मछली का ठेका देकर जाल डालने की अनुमति दे दी गई। इसका नतीजा यह हुआ कि अचानक गांव पानी-पानी हो गया। लोग अपनी जान तो बचा पाए लेकिन पशुधन और संपत्ति डूब गई।
स्मार्ट मीटर पर निशाना, निजीकरण का आरोप
गुंजल ने केंद्र सरकार पर बिजली व्यवस्था को निजीकरण की ओर धकेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर देश के उपभोक्ताओं को प्रीपेड व्यवस्था में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब देश में 80 करोड़ लोग 5 किलो गेहूं पर जीवन बिता रहे हैं तो क्या वे स्मार्ट मीटर का खर्च उठा पाएंगे? यह आम जनता पर सीधा बोझ डालने और उनकी जेब काटने की साजिश है।
प्रशासन पर सवाल, पुलिस व्यवस्था पर आरोप
पूर्व विधायक ने कोटा की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शहर में ना एसपी की चलती है और ना आईजी की। पूरा प्रशासन केवल औपचारिकता निभा रहा है। एक प्रमोटी अधिकारी सारी व्यवस्था नियंत्रित कर रहा है और उसके चेंबर में पुलिस अफसरों के साथ अपराधियों की बैठकों की खबरें सामने आ रही हैं।
10 सितंबर की रैली में बड़ी भागीदारी
गुंजल ने कहा कि 10 सितंबर की आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में जनता हिस्सा लेगी। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा शामिल होंगे। वहीं विधानसभा सत्र चलने के कारण नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
जिला कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को भी सूचना दे दी है, हालांकि सत्र के कारण उनकी मौजूदगी संदिग्ध है।
गुंजल ने त्योहारों के समय धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू करने को अव्यावहारिक बताया और कहा कि सरकार जनता की आवाज दबाने के लिए प्रशासनिक हथकंडे अपना रही है।