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ज्ञानदेव आहूजा के दलित विरोधी बयान पर कांग्रेस का हल्ला बोल

ज्ञानदेव आहूजा के दलित विरोधी बयान पर कांग्रेस का हल्ला बोल

शोभना शर्मा।  राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से गर्मा गई है। इस बार विवाद का केन्द्र बने हैं भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, जिनके कथित रूप से दलितों के खिलाफ दिए गए बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर में प्रवेश करने के बाद मंदिर को गंगाजल से धोने की घटना को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताते हुए पुतला दहन और नारेबाजी की।  इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा किया गया, जिसकी अगुवाई कार्यकारी अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने की। कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने आहूजा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके पुतले को आग के हवाले कर आक्रोश जताया।

घाटोल विधायक नानालाल निनामा ने इस पूरे मामले पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “ज्ञानदेव आहूजा का बयान सिर्फ दलित समाज के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह पूरे भारतीय समाज और संविधान के मूल्यों के खिलाफ है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता जानबूझकर ऐसे विवादित बयान दिलवाकर समाज में दलित और सवर्णों के बीच नफरत फैलाना चाहते हैं।

विधायक अर्जुन सिंह बामनिया ने आहूजा के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह एक अपमानजनक कृत्य है, जो न केवल दलित समुदाय बल्कि समूचे समाज के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “जब एक जनप्रतिनिधि मंदिर जाता है, तो वह पूरे समाज की ओर से जाता है। ऐसे में मंदिर को गंगाजल से धोना संविधान और सामाजिक समरसता का अपमान है।”

बामनिया ने राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे अपने पूर्व विधायक के इस बयान से सहमत हैं या नहीं। उनका यह भी कहना था कि अगर भाजपा इस तरह के कृत्यों का समर्थन करती है, तो यह उनके दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है।

कार्यकारी अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह मानसिकता दर्शाती है कि बीजेपी अब भी जातिगत भेदभाव और ऊँच-नीच की राजनीति से बाहर नहीं निकल पाई है। उन्होंने कहा, “आज जब देश संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की सोच को अपनाकर आगे बढ़ रहा है, तब ऐसे बयान समाज को पीछे ले जाने वाले हैं।”

गफ्फार ने यह भी कहा कि भाजपा के नेता बार-बार समाज को बांटने की साजिशें करते हैं, जिससे न केवल सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है बल्कि लोकतंत्र भी कमजोर होता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ज्ञानदेव आहूजा जैसे नेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए ताकि समाज में समानता और न्याय की भावना बनी रहे।

विधायक निनामा ने अंत में कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में हमेशा दलित, पिछड़े, वंचित और किसानों की आवाज उठाई है, और भाजपा को इस बात से तकलीफ है। इसलिए भाजपा नेता इस तरह के नीच और विभाजनकारी बयान दे रहे हैं। कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन न सिर्फ एक राजनैतिक संदेश था, बल्कि यह समाज में समानता, सम्मान और न्याय की भावना को बनाए रखने की कोशिश भी था।

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