मनीषा शर्मा। राजस्थान के बामनवास विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने समरावता के थप्पड़कांड को लेकर सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में नरेश मीणा का दोष कम है, लेकिन SDM (मालपुरा) अमित चौधरी पर आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने और जबरन मतदान कराने का आरोप है। इंदिरा मीणा ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का फैसला किया है और शुक्रवार को होने वाली विधानसभा सत्र में सरकार से इसका जवाब मांगने का ऐलान किया है।
नरेश मीणा का दोष कम, SDM पर गंभीर आरोप
इंदिरा मीणा ने कहा कि नरेश मीणा का जुर्म सिर्फ एसडीएम को थप्पड़ मारना था, जो कि विवाद का कारण बना। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नरेश मीणा की भूमिका इस मामले में उतनी गंभीर नहीं है, जितनी कि सरकार और पुलिस की है। उनका कहना था कि सरकार की तरफ से पुलिस को नरेश मीणा के खिलाफ आरोप लगाने के लिए प्रेरित किया गया है। विधायक ने आरोप लगाया कि एसडीएम अमित चौधरी ने आचार संहिता के उल्लंघन के साथ मतदान में जबरन हस्तक्षेप किया। उनका यह भी कहना था कि इस मामले में एसडीएम के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई, जबकि यह मामला गंभीर था।
इंदिरा मीणा ने यह भी कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए एक दिखावटी जांच आयोग बना दिया है, जिसका उद्देश्य केवल मामले की सच्चाई को दबाना है। उनकी शिकायत है कि एसडीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि वे इस घटना के मुख्य दोषी हैं।
मणिपुर की हिंसा से तुलना, पुलिस की बर्बरता पर सवाल
इंदिरा मीणा ने समरावता में हुई पुलिस की बर्बरता की तुलना मणिपुर हिंसा से की और कहा कि मणिपुर में हुई हिंसा से भी अधिक बर्बरता पुलिस ने समरावता में की। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों को थाने में बुरी तरह मारा गया, जिससे उनके हाथ-पैर तक टूट गए। इस पर उन्होंने कहा कि पुलिस का ऐसा व्यवहार किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता है, और यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है।
सरकार के खिलाफ हमला, विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
इंदिरा मीणा ने यह स्पष्ट किया कि वे इस मामले को लेकर विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने सरकार से सवाल भी तैयार किए हैं, और उम्मीद जताई कि सरकार इस पर जवाब देगी। उन्होंने सवाल किया कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो क्या यह साबित नहीं होता कि प्रशासन और सरकार ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है?
कांग्रेस के नेताओं से दूरी पर इंदिरा मीणा की टिप्पणी
कांग्रेस के सांसद हरीश मीणा और अन्य नेताओं के मामले से दूरी बनाने पर इंदिरा मीणा ने कहा कि उन्हें सांसद के निर्णय के बारे में कुछ नहीं पता। हालांकि, उनका मानना है कि पार्टी इस मामले को एकजुट होकर उठाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य सत्य की स्थापना करना है, और इसलिए इस मुद्दे को विधानसभा में उठाना जरूरी है।
किरोड़ी लाल मीणा के विधानसभा सत्र से अनुपस्थिति पर टिप्पणी
कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के विधानसभा सत्र में अनुपस्थित रहने पर भी टिप्पणी की। उनका कहना था कि किरोड़ी लाल मीणा ने विपक्षी भूमिका में रहते हुए बीजेपी सरकार के खिलाफ संघर्ष किया था, लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने उन्हें साइडलाइन कर दिया है। उनका मानना था कि सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है, जिसके कारण उन्होंने विधानसभा सत्र से अनुपस्थिति की अनुमति मांगी है।
समरावता कांड की पूरी घटनाक्रम
13 नवंबर 2024 को, टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में मतदान का बहिष्कार किया गया था। गांव के लोग अपनी प्रशासनिक मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे, और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी उनके साथ धरने पर बैठे थे। आरोप है कि इस दौरान जबरन तीन लोगों के वोट डलवाए गए, जिसके बाद नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा।
इसके बाद पुलिस ने गांव में तनाव को बढ़ते हुए देखा और स्थिति को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए, और पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया। उन्हें बाद में कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया। इस पूरे घटनाक्रम ने पूरे इलाके में राजनीतिक भूचाल ला दिया और कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा।