मनीषा शर्मा, अजमेर। पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कोटा में कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है। राठौड़ ने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कोटा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे भाजपा की तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हैं।
राठौड़ का कहना है कि भाजपा सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें डोटासरा और जूली का कोई लेना-देना नहीं है। वे घटना स्थल पर मौजूद भी नहीं थे। इसके बावजूद, उनके खिलाफ साजिश के तहत झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है।
धर्मेंद्र राठौड़ ने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में हत्या, लूट, फिरौती, अपहरण, महिलाओं और बालिकाओं के साथ अत्याचार, बलात्कार, और माफिया राज का आतंक व्याप्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार निर्दोष लोगों को जेल में डालने का प्रयास कर रही है, जबकि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक अशोक चांदना, चेतन पटेल और सीएल प्रेमी के खिलाफ दर्ज की गई है। दूसरी एफआईआर कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल, नईमुद्दीन गुड्डू, मोईजुद्दीन गुड्डू, जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई है।
धर्मेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं पर दर्ज एफआईआर की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि कांग्रेस पार्टी इन झूठे आरोपों से डरने वाली नहीं है। उन्होंने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी।