मनीषा शर्मा। भीलवाड़ा जिले में नगरीय सुधार न्यास (UIT) द्वारा निकाली गई ई-लॉटरी प्रक्रिया पर अब विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इस लॉटरी में 90 हजार आवेदकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। इसी के विरोध में सोमवार देर शाम कांग्रेसजनों ने शहर में मशाल रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लॉटरी में पारदर्शिता नहीं रखी गई और 3081 लोगों को प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया संदिग्ध है। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र सुनवाई नहीं की गई, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
3081 आवंटन पर उठे सवाल, 90 हजार आवेदकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ई-लॉटरी के माध्यम से 3081 लोगों को प्लॉट आवंटित किए गए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इनमें से भीलवाड़ा के कितने आवेदक शामिल हैं। उनका कहना है कि लॉटरी प्रक्रिया के दौरान 90,000 से अधिक लोगों के आवेदन यूआईटी के पास आए थे, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उन सभी को लॉटरी में शामिल भी किया गया या नहीं। यूआईटी प्रशासन की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर आवेदकों को भ्रमित कर रहा है और ई-लॉटरी को कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए पहले से तय प्रक्रिया (pre-fixed system) के तहत चलाया गया।
गोल प्याऊ से शुरू हुई मशाल रैली, यूआईटी के खिलाफ नारेबाजी
सोमवार देर शाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गोल प्याऊ चौराहे से मशाल रैली निकाली। यह रैली सूचना केंद्र, राजीव गांधी मार्केट, नेताजी सुभाष मार्केट से होते हुए वापस गोल प्याऊ पर समाप्त हुई। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में मशालें लेकर यूआईटी प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उनका कहना था कि जब तक ई-लॉटरी प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा। रैली के दौरान माहौल पूरी तरह आक्रोशपूर्ण था और कार्यकर्ताओं ने “जनता के साथ धोखा बंद करो”, “यूआईटी जवाब दो”, “लॉटरी की जांच कराओ” जैसे नारे लगाए।
कांग्रेस ने यूआईटी पर लगाया जनता को गुमराह करने का आरोप
कांग्रेस कार्यकर्ता मनोज पालीवाल ने कहा कि ई-लॉटरी प्रक्रिया पहले दिन से ही विवादों में रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूआईटी के अधिकारियों ने 90 हजार जनता के साथ विश्वासघात किया है और अब वे किसी भी सवाल का जवाब देने से बच रहे हैं। पालीवाल ने कहा कि कांग्रेस पहले भी यूआईटी दफ्तर जाकर ज्ञापन सौंप चुकी है और जवाब मांगा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना था कि सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर जांच समिति बना दी गई है, लेकिन 18 दिन बीत जाने के बावजूद जांच की शुरुआत तक नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि यूआईटी प्रशासन लगातार जनता को गुमराह कर रहा है और ई-लॉटरी प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध अपनाई गई है। पालीवाल ने कहा, “नियमों के अनुसार जो पारदर्शिता लानी चाहिए थी, उसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। पहले से तय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ई-लॉटरी का आयोजन किया गया।”
कांग्रेस का अल्टीमेटम – नहीं हुई सुनवाई तो आंदोलन होगा उग्र
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस मामले की सुनवाई नहीं की गई और यूआईटी की ओर से जवाब नहीं दिया गया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा। पालीवाल ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब जनता के बीच जाएंगे और घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि लॉटरी में जिन लोगों के साथ अन्याय हुआ है, उनकी आवाज बुलंद की जाएगी। “हमने पहले ज्ञापन दिया, अब मशाल रैली निकाली है। यदि यूआईटी नहीं जागी तो अगला कदम जनआंदोलन होगा,” — मनोज पालीवाल । रैली में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो यह विरोध राज्य स्तर तक ले जाया जाएगा।
यूआईटी की चुप्पी बनी सवालों के घेरे में
विरोध प्रदर्शनों के बावजूद यूआईटी प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यदि यूआईटी की प्रक्रिया सही थी, तो उसे जनता के सामने पूरा डाटा और चयन प्रक्रिया साझा करनी चाहिए थी। लेकिन अब तक न तो लॉटरी में शामिल आवेदकों की सूची सार्वजनिक की गई और न ही 3081 चयनित लोगों की विस्तृत जानकारी दी गई है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह यूआईटी की अस्पष्टता और मनमानी को दर्शाता है।
शहर में बढ़ रहा असंतोष
भीलवाड़ा शहर में यूआईटी की ई-लॉटरी को लेकर आमजन के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। आवेदकों का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से अर्जित धन प्लॉट आवेदन में लगाया था, लेकिन अब उन्हें यह भी पता नहीं कि उनका आवेदन शामिल हुआ या नहीं। कई आवेदकों ने कहा कि लॉटरी ड्रॉ के लाइव प्रसारण या परिणामों की सार्वजनिक पारदर्शिता नहीं रखी गई, जिससे पूरे शहर में अविश्वास का माहौल है।
रैली में बड़ी संख्या में कांग्रेसजन हुए शामिल
मशाल रैली में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें सुनील दत्त शर्मा, ओम तेली, एडवोकेट राजकुमार माली, सुरेश कुमार बम्ब, योगेश कुमार सोनी, निसार सिलावट, कृष्ण कुमार व्यास, संदीप टेलर, रफीक शेख, अतुल सुराणा, योगिता सुराणा, शिवराज सुराणा, महिपाल सिंह सोलंकी, हेमंत शर्मा, राजेश जैन, और दिनेश बासिता प्रमुख रूप से मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में यूआईटी प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए और जनता के हित में कार्रवाई की मांग की।
भीलवाड़ा में यूआईटी की ई-लॉटरी प्रक्रिया पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस ने इसे जनता के साथ धोखाधड़ी करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल प्रशासनिक स्तर पर चुप्पी बनी हुई है, लेकिन जनता और कांग्रेस दोनों ही इस मुद्दे पर न्याय और पारदर्शिता की मांग पर अडिग हैं।


