शोभना शर्मा। जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को दो कांग्रेसी पार्षद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात का समय मांगने उनके आवास पर पहुंचे। इसके पहले, रविवार को छह कांग्रेसी पार्षदों ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की और मेयर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
वार्ड 35 के पार्षद मनोज मुद्गल ने बताया कि वे और वार्ड 49 के पार्षद उत्तम शर्मा मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे, जहां सीएम के दिल्ली जाने की जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि नगर निगम हेरिटेज का सिस्टम पूरी तरह खत्म हो चुका है और मेयर केवल अपने लाभ के काम कर रही हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों में मुनेश गुर्जर को एसीबी पहले ही दोषी मान चुकी है।
पार्षदों ने सीएम के स्टाफ से मुलाकात के बाद 10 पार्षदों के डेलिगेशन के लिए समय मांगा। मुनेश के खिलाफ एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्र लिखा है। 4 अगस्त 2023 को एसीबी ने मुनेश गुर्जर के घर छापा मारकर उनके पति सुशील गुर्जर को दो लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस के 47, बीजेपी के 42 और 11 निर्दलीय पार्षद हैं। बहुमत के लिए 51 पार्षदों की जरूरत होती है। रविवार को कांग्रेस के छह पार्षदों ने बीजेपी मुख्यालय जाकर सीपी जोशी से मुलाकात की और मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटाने की मांग की।
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मेयर की फाइल आने पर वे दो घंटे में डिस्पोजल कर देंगे। एसीबी ने 2 मई को डीएलबी को फाइल भेजकर अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, लेकिन अब तक नहीं मिली। कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बाद मुनेश गुर्जर को कभी भी बर्खास्त किया जा सकता है।
4 अगस्त 2023 को एसीबी की कार्रवाई के बाद 5 अगस्त को स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था। कोर्ट से राहत मिलने के बाद वे फिर महापौर बनीं, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उनका निलंबन और बहाली का सिलसिला जारी रहा।