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जयपुर में ‘संविधान बचाओ रैली’ में मोदी सरकार पर काँग्रेस का हमला

जयपुर में ‘संविधान बचाओ रैली’ में मोदी सरकार पर काँग्रेस का हमला

मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन किया, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे हमले किए। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। वहीं, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने भी अपने-अपने संबोधनों में केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।

खड़गे ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में कहा कि पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ और देश के स्वाभिमान पर चोट पहुंची, तब प्रधानमंत्री बिहार में चुनावी भाषण कर रहे थे। खड़गे ने कहा, “देश की बदकिस्मती है कि जब देश के स्वाभिमान को ठेस पहुंची हो, उस समय प्रधानमंत्री राजनीतिक रैली में व्यस्त थे।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सभी दलों के नेता सर्वदलीय बैठक में पहुंचे थे, परंतु प्रधानमंत्री मोदी वहां मौजूद नहीं थे। खड़गे ने सवाल किया, “क्या बिहार इतना दूर था कि प्रधानमंत्री बैठक में नहीं आ सकते थे? यदि प्रधानमंत्री खुद बैठक में आते तो योजना बताते और विपक्ष से सहयोग मांगते।”

संविधान के महत्व पर जोर

अपने संबोधन में खड़गे ने भारतीय संविधान की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि संविधान के कारण ही एक मामूली चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और एक मजदूर का बेटा विपक्ष का नेता बन सकता है। उन्होंने कहा कि यदि संविधान को कमजोर किया गया तो सत्ता के शीर्ष पदों तक पहुंचने का सपना आम जनता के लिए समाप्त हो जाएगा।

खड़गे ने जोर देकर कहा कि संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे संविधान को बचाने के लिए एकजुट हों और लोकतंत्र की रक्षा करें।

महंगाई और बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर हमला

खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश को महंगाई और बेरोजगारी के अलावा कुछ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आज देश में जो भी बड़ी योजनाएं और कल्याणकारी कार्यक्रम हैं, वे कांग्रेस सरकार की देन हैं। खड़गे ने तंज कसते हुए कहा, “मोदीजी 56 इंच की छाती की बात करते थे, लेकिन अब उनकी 56 इंच की छाती भी सिकुड़ गई है।”

उन्होंने कहा कि महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है और बेरोजगारी ने युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया है।

दलितों और पिछड़ों के अधिकारों पर हमला

खड़गे ने अपने भाषण में दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता चुनाव से पहले दलितों के घर जाकर खाना खाते हैं, लेकिन असलियत में उन्हें तालाब से पानी तक नहीं पीने दिया जाता। खड़गे ने कहा कि दलितों और पिछड़ों के बनाए मंदिरों को गंगाजल से धोया जाता है, जो दर्शाता है कि भाजपा की कथनी और करनी में कितना अंतर है।

उन्होंने चेताया कि दलितों और पिछड़ों को दबाने की कोई भी साजिश कामयाब नहीं होगी और ये वर्ग कभी झुकने वाला नहीं है।

बाबा साहेब अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर अमित शाह पर निशाना

खड़गे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि शाह ने संसद में अंबेडकर के नाम का मजाक उड़ाया था। खड़गे ने तीखा हमला करते हुए कहा, “अगर अंबेडकर भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग मिल जाता, ऐसा कहने वाले अब खुद तय कर लें कि उन्हें स्वर्ग मिलेगा या यमराज से सामना करना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने वालों को देश की जनता सबक सिखाएगी।

मोदी सरकार के वादों की पोल खोली

मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए वादों को भी याद दिलाते हुए कहा कि काला धन वापस लाने, हर खाते में 15 लाख रुपये डालने, हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने, गंगा को साफ करने, पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने जैसे तमाम वादे किए गए थे, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जनता से सिर्फ झूठे वादे किए और जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं किया।

डोटासरा का हमला: “एक के बदले सौ सिर” का वादा याद दिलाया

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “पहले पुलवामा और अब पहलगाम में हमला हुआ। आखिर यह चूक कहां हुई? हर हिंदुस्तानी को सवाल पूछने का अधिकार है।”

डोटासरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वादे की याद दिलाई जिसमें उन्होंने एक के बदले सौ सिर लाने की बात कही थी। डोटासरा ने सवाल उठाया कि आखिर उस वादे का क्या हुआ?

गहलोत का गांधी परिवार के बलिदान का जिक्र

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में गांधी परिवार के बलिदान का उल्लेख करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने देश के लिए हमेशा बलिदान दिया है।

गहलोत ने पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि आनंद भवन को देशहित में दान किया गया था। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने सत्ता के लिए कभी लालच नहीं किया, बल्कि देशहित को सर्वोपरि रखा।

सचिन पायलट का आरोप: चुनाव आयोग कमजोर हो गया

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने भाषण में कहा कि आज संविधान पर चारों ओर से हमले हो रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी संविधान को कमजोर कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग निष्पक्षता खो चुका है। पायलट ने कहा कि महाराष्ट्र में वोटर्स से ज्यादा वोट पड़े, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।

उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।

 

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