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राजस्थान में कलेक्टर से तहसीलदार तक को मिलेंगे लैपटॉप

राजस्थान में कलेक्टर से तहसीलदार तक को मिलेंगे लैपटॉप

शोभना शर्मा।  राजस्थान सरकार ने राज्य के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में काम करने वाले अधिकारियों को उनके कार्यों को डिजिटल रूप से अधिक प्रभावी बनाने के लिए लैपटॉप प्रदान करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, और सहायक कलेक्टर समेत 655 फील्ड अधिकारियों को लैपटॉप दिए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य रेवेन्यू से संबंधित कार्यों की पेंडेंसी को कम करना और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है।

बजट घोषणा के तहत शुरू हुई योजना

राजस्थान सरकार ने 2024-25 के बजट में रेवेन्यू से जुड़े अधिकारियों को लैपटॉप देने की घोषणा की थी। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम को आसान बनाना और तेजी लाना था। ई-फाइलिंग सिस्टम के लागू होने के बाद यह महसूस किया गया कि फील्ड अधिकारियों को आधुनिक तकनीक से लैस करना आवश्यक है, ताकि वे कहीं भी, कभी भी अपने लंबित कार्यों को निपटा सकें।

ई-फाइलिंग के जरिए काम में सुधार

वर्तमान में कलेक्ट्रेट और अन्य प्रशासनिक कार्यालयों में अधिकतर कार्य ई-फाइलिंग के माध्यम से किए जा रहे हैं। इनमें नामांतरण, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, और अन्य आवश्यक कार्य शामिल हैं। इन कार्यों की पेंडेंसी लंबी रहती है, जिससे आम जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लैपटॉप मिलने के बाद अधिकारी अवकाश के दिनों में या दफ्तर से बाहर रहते हुए भी अपने लंबित कार्यों को पूरा कर सकेंगे। इससे न केवल काम में तेजी आएगी, बल्कि जनता को समय पर सेवाएं भी मिलेंगी।

655 अधिकारियों की सूची तैयार

रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने सभी जिलों से जानकारी एकत्र कर 655 अधिकारियों की सूची तैयार की है, जिन्हें लैपटॉप दिए जाएंगे। इस योजना के लिए सरकार ने प्रति लैपटॉप 75,000 रुपये का बजट आवंटित किया है। इन लैपटॉप की खरीद स्थानीय स्तर पर की जाएगी, ताकि प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो सके।

सबसे अधिक लैपटॉप दौसा जिले में

प्रदेश के 50 जिलों में सबसे ज्यादा लैपटॉप दौसा जिले के अधिकारियों को दिए जाएंगे। यहां कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, और तहसीलदार समेत 27 अधिकारी तैनात हैं। अन्य जिलों में सीकर (22 अधिकारी), उदयपुर (20 अधिकारी), जयपुर ग्रामीण (24 अधिकारी), और चित्तौड़गढ़ (21 अधिकारी) भी शामिल हैं।

लैपटॉप से कैसे बदलेगा प्रशासनिक कार्य?

  1. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: अधिकारियों को लैपटॉप मिलने से राजस्थान सरकार का ई-गवर्नेंस मॉडल मजबूत होगा।

  2. पेंडेंसी में कमी: लैपटॉप के जरिए अधिकारी समय पर अपने कार्यों को निपटा सकेंगे, जिससे जनता के कार्यों में देरी नहीं होगी।

  3. सुविधा और लचीलापन: अधिकारी घर पर भी लंबित फाइलों को निपटा सकेंगे, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा।

  4. रीयल-टाइम रिपोर्टिंग: फील्ड से सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेटा अपलोड करने की सुविधा होगी।

सरकार का उद्देश्य

राजस्थान सरकार का मुख्य उद्देश्य जनता से जुड़े रेवेन्यू कार्यों को सरल, तेज और पारदर्शी बनाना है। ई-फाइलिंग सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे न केवल अधिकारी तकनीकी रूप से सक्षम होंगे, बल्कि जनता को भी समय पर सेवाएं मिलेंगी।

स्थानीय खरीद और बजट आवंटन

सरकार ने इस योजना के तहत लैपटॉप खरीदने के लिए प्रत्येक अधिकारी के लिए 75,000 रुपये का बजट तय किया है। जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को लैपटॉप की खरीद स्थानीय स्तर पर करनी होगी, ताकि प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

जनता को होगा फायदा

इस योजना से राज्य के आम नागरिकों को बड़ा फायदा होगा। रेवेन्यू से जुड़े नामांतरण, प्रमाण पत्र, और अन्य कार्यों में समय की बचत होगी। इसके साथ ही, अधिकारियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने से पारदर्शिता बढ़ेगी।

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