मनीषा शर्मा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। सीएमओ में आयोजित सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी से विशेष सड़क सुरक्षा अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। इस अभियान का उद्देश्य वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना और उल्लंघनकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई करना है।
सड़क सुरक्षा के लिए 6ई फॉर्मूला अपनाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए “6ई फॉर्मूला” का पालन करने का निर्देश दिया।
6ई फॉर्मूला:
- एजुकेशन (शिक्षा): सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता फैलाना।
- इंजीनियरिंग (अभियांत्रिकी): सड़कों, पुलों, और अन्य ढांचों को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए बेहतर डिज़ाइन।
- एनफोर्समेंट (प्रवर्तन): यातायात कानूनों का सख्ती से पालन और उल्लंघनकर्ताओं पर दंडात्मक कार्रवाई।
- इमरजेंसी केयर (आपातकालीन देखभाल): दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सुविधा।
- इवेल्यूएशन (मूल्यांकन): सुरक्षा उपायों का नियमित रूप से निरीक्षण और सुधार।
- एन्गेजमेंट (भागीदारी): समुदाय और विभिन्न हितधारकों को सड़क सुरक्षा अभियानों में शामिल करना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन छह चरणों के तहत सड़कों को सुरक्षित और यातायात को सुचारू बनाने के लिए काम किया जाएगा।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि बिना परमिट वाले वाहनों की आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना और अन्य सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने विशेष रूप से स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया ताकि लोगों को सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाया जा सके।
खुले बोरवेल पर रोक: दो सप्ताह में कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने खुले बोरवेल के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को दो सप्ताह के भीतर यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि कोई भी बोरवेल खुला न रहे।
- जनहानि रोकने के उपाय: खुले बोरवेल की पहचान कर उन्हें तुरंत बंद किया जाए।
- दोषियों पर कार्रवाई: जिनकी लापरवाही से बोरवेल खुले रह जाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाना आवश्यक है।
एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के बाद सख्त कदम
हाल ही में हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट की घटना के बाद राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को और सख्त बनाने का निर्णय लिया है।
दुर्घटना के कारणों की जांच के साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए नियम लागू किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा अभियान के तहत राज्य के हर कोने में वाहन चालकों को जागरूक किया जाएगा।
सड़क सुरक्षा अभियान का उद्देश्य
1 जनवरी से शुरू होने वाला विशेष सड़क सुरक्षा अभियान राज्य में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक पहल है।
प्रमुख उद्देश्य:
यातायात नियमों का पालन: वाहन चालकों को यातायात नियमों के महत्व को समझाना।
दुर्घटनाओं में कमी: सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ठोस उपाय।
जुर्माना और प्रवर्तन: नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई।
सुरक्षित सड़कों का निर्माण: सड़कों की स्थिति को सुधारने के लिए इंजीनियरिंग उपाय।
सीएम का विजन: सुरक्षा और जवाबदेही
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक में जोर देकर कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जागरूकता और सख्ती से ही सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा अभियान का प्रभाव प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे।