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सीएम ने नीति आयोग बैठक में कहा- सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम

सीएम ने नीति आयोग बैठक में कहा- सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम

शोभना शर्मा।  नई दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य की विकास योजनाओं, जल और ऊर्जा जरूरतों को लेकर महत्वपूर्ण प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष रखे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ‘सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम 2025’ लॉन्च करने जा रही है, जो राजस्थान की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी। इस योजना के तहत रिसाइक्लिंग और रीयूज क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि यह राजस्थान की आर्थिक प्रगति का नया आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रीन टेक्नोलॉजी पर भी विशेष ध्यान दे रही है, ताकि सतत विकास सुनिश्चित हो सके।

जल और ऊर्जा क्षेत्र पर जोर

भजनलाल शर्मा ने नीति आयोग की बैठक में राजस्थान की जल और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दे भी उठाए। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि पोंग बांध को उसकी अधिकतम जल भराव क्षमता, यानी 1400 फीट तक भरने की अनुमति जल्द दी जाए। उन्होंने कहा कि पर्याप्त वर्षा के बावजूद इस बांध में जलस्तर को पूर्ण क्षमता तक नहीं भरा जाता, जिससे राजस्थान सहित भागीदार राज्यों को जल संकट का सामना करना पड़ता है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने फिरोजपुर फीडर की 51.5 किलोमीटर लंबी लाइनिंग परियोजना को केंद्र सरकार से शीघ्र मंजूरी देने की अपील की। उन्होंने तर्क दिया कि यह परियोजना जल के प्रभावी वितरण और संरक्षण के लिए आवश्यक है।

ऊर्जा क्षेत्र में नए निवेश और छूट की मांग

सीएम भजनलाल शर्मा ने राज्य की ऊर्जा जरूरतों पर भी फोकस किया। उन्होंने कहा कि कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स में अतिरिक्त यूनिट्स लगाने के लिए केंद्र सरकार से तकनीकी छूट प्रदान की जाए, क्योंकि प्रस्तावित नई 3200 मेगावाट की थर्मल यूनिट पिट हैड से 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है।

उन्होंने केंद्र से यह भी अनुरोध किया कि राज्य को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स से मिलने वाले 20 लाख मीट्रिक टन कोयले को नॉर्दर्न कोलफील्ड्स से उपलब्ध कराया जाए ताकि लॉजिस्टिक लागत में कमी लाई जा सके। इसके अलावा उन्होंने पीएम-कुसुम योजना के तहत कंपोनेंट-A में राजस्थान को 5000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और उतनी ही मात्रा में बैटरी स्टोरेज की अतिरिक्त मंजूरी देने की मांग की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य को 115 गीगावाट बिजली उत्पादन लक्ष्य मिला हुआ है, जिसकी पूर्ति के लिए केंद्र को तत्काल 40 गीगावाट अतिरिक्त ऊर्जा की ईवेक्युएशन की योजना बनानी चाहिए। इससे राज्य में ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और हरित ऊर्जा को भी बल मिलेगा।

नई औद्योगिक और व्यापारिक नीतियां

मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार जल्द ही “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को ध्यान में रखते हुए एक नई इंडस्ट्रीयल पॉलिसी जारी करने जा रही है। इस नीति का उद्देश्य ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना और रिसर्च एवं डेवलपमेंट के कार्यों को प्रोत्साहित करना है।

साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान सरकार “राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी” लाने जा रही है, जिससे ट्रेडिंग सेक्टर के विकास को नई दिशा मिलेगी। राज्य में व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह नीति सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य प्रारंभ किए गए हैं। साथ ही, 20 नए औद्योगिक क्षेत्र जमीन आवंटन के लिए खोले जा चुके हैं, जिससे राज्य का औद्योगिक विकास तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

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