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सीएम भजनलाल शर्मा की पहल से राजस्थान विधानसभा में गतिरोध समाप्त

सीएम भजनलाल शर्मा की पहल से राजस्थान विधानसभा में गतिरोध समाप्त

शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा में पिछले कुछ दिनों से चल रहा गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वयं इस मामले में पहल करते हुए विपक्ष से संवाद स्थापित किया और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। उनके इस प्रयास से सदन में सकारात्मक माहौल बना और छह निलंबित विधायकों की वापसी के बाद अब विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की उम्मीद है।

सीएम भजनलाल शर्मा की अपील: सार्थक बहस हो, जनहित में फैसले लिए जाएं

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट किया कि सरकार चाहती है कि सदन में सार्थक बहस हो, जिससे 2025-26 के बजट पर विस्तार से चर्चा की जा सके और इसकी घोषणाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखते हुए राज्य की जनता के हित में काम किया जाए।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की मध्यस्थता ने निभाई अहम भूमिका

इस गतिरोध को समाप्त करने में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पुल की भूमिका निभाई। उन्होंने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच संवाद स्थापित कर समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी कोशिशों के कारण दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी और विधानसभा की कार्यवाही दोबारा सामान्य हो सकी।

विपक्ष ने सराहा मुख्यमंत्री का प्रयास

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस पहल की विपक्षी नेताओं ने भी सराहना की। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि यह पहल पहले ही हो जाती, तो विपक्ष को धरना देने और सदन में रात्रि प्रवास करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

टीकाराम जूली ने कहा, “मैं सदन के नेता से शिकायत भी करना चाहूंगा कि यही पहल यदि तीन-चार दिन पहले हो जाती, तो यह गतिरोध पहले ही समाप्त हो जाता। हमने हमेशा कहा है – ‘क्षमा बड़न को चाहिए, छोटन को उत्पात।’ सदन हम सबका है और इसे मिलकर ही चलाना चाहिए।”

टीकाराम जूली ने सदन की गरिमा बनाए रखने का संकल्प लिया

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणी पर भी माफी मांगी। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और किसी भी टिप्पणी से यदि किसी को ठेस पहुंची हो, तो उसके लिए खेद व्यक्त किया जाता है।

उन्होंने कहा, “आओ, मिलकर कोई वजह ढूंढें एक होने की। यूं बिखरे-बिखरे ना तुम अच्छे लगते हो, ना हम। यही सदन की खूबसूरती रही है।”

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी के बाद विधानसभा में विवाद गहरा गया था, जिसके चलते विपक्ष ने धरना दिया और रातभर सदन में रुका। अब वार्ता के बाद गतिरोध समाप्त हो गया है।

बजट पर होगी विस्तृत चर्चा

अब सभी की नजरें नेता प्रतिपक्ष के भाषण पर टिकी हैं, जिससे राजनीतिक माहौल और अधिक स्पष्ट होगा। सरकार के बजट में युवा, महिलाएं, किसान और मजदूरों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं, जिन पर विस्तृत चर्चा होगी। मुख्यमंत्री की इस पहल से सदन की गरिमा बनी रही और सकारात्मक राजनीति का उदाहरण प्रस्तुत हुआ।

निलंबित विधायकों का निलंबन निरस्त

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष की मांग स्वीकार करते हुए छह निलंबित विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया। इन विधायकों में शामिल हैं:

  1. गोविंद सिंह डोटासरा

  2. रामकेश मीणा

  3. हाकम अली खान

  4. अमीन कागजी

  5. जाकिर हुसैन गैसावत

  6. संजय कुमार

विधानसभा अध्यक्ष ने दी कड़ी चेतावनी

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्पष्ट किया कि यह पहली और आखिरी बार है, जब माफी के आधार पर निलंबन को रद्द किया जा रहा है। भविष्य में यदि किसी भी विधायक द्वारा अनुशासनहीनता की जाती है, तो उसे स्वतः ही निलंबित माना जाएगा और उसके लिए अलग से प्रस्ताव लाने की आवश्यकता नहीं होगी।

उन्होंने कहा, “यह बात हम अधिकतर सुनते आए हैं कि ‘क्षमा बड़न को चाहिए, छोटन को उत्पात’…अर्थात उत्पादन करने की भी कोई सीमा होती है।”

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