शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में आगामी महीनों में पंचायत और निकाय चुनाव सबसे अहम चुनौती के रूप में सामने आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता और संगठन के बीच तालमेल मजबूत करने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से लेकर जिलाध्यक्षों और विधायकों तक सभी को स्पष्ट संदेश दिया गया कि अब समय केवल काम और संगठन की मजबूती पर ध्यान देने का है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विपक्ष आगामी विधानसभा सत्र में हंगामा करने की तैयारी में है, लेकिन भाजपा सरकार पूरी रणनीति और योजनाबद्ध तरीके से सदन में जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को केवल आरोपों से जवाब नहीं दिया जाएगा, बल्कि सरकार के काम और विकास योजनाओं की उपलब्धियों से उसका मुंह बंद किया जाएगा।
संगठन और सत्ता में एकजुटता पर जोर
बैठक की शुरुआत भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ है और संगठन की मजबूती से ही सत्ता मजबूत होती है। इसके बाद जिलाध्यक्षों ने जमीनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों की स्थिति बताई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शिकायतों और मनमुटाव का दौर अब समाप्त होना चाहिए। संगठन और सत्ता दोनों को एकजुट होकर केवल जनता की सेवा और विकास कार्यों पर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अगर जनता के बीच और मजबूत होनी है तो कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने जल जीवन मिशन, मुफ्त बिजली योजना और राम जल सेतु लिंक परियोजना को विकास की रीढ़ बताते हुए कहा कि इन योजनाओं को मजबूती से जनता के बीच प्रचारित किया जाए।
पंचायत-निकाय चुनाव की रणनीति तय
बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा आगामी पंचायत और निकाय चुनाव रहे। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि इन चुनावों में टिकट उसी कार्यकर्ता को मिलेगा, जिसने संगठन के प्रति निष्ठा और समर्पण दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सत्ता हासिल करने के लिए नहीं है, बल्कि संगठन को गांव-गांव और वार्ड-वार्ड तक मजबूत करने का अवसर है।
बैठक में तय किया गया कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को छोटे-छोटे समूहों में बांटा जाएगा और हर समूह की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ नेता को दी जाएगी। इससे चुनावी रणनीति को लागू करने में पारदर्शिता और अनुशासन दोनों सुनिश्चित होंगे।
मुख्यमंत्री ने विधायकों को विशेष निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों के जर्जर स्कूल भवनों की सूची तैयार करें और सरकार को सौंपें, ताकि समय रहते मरम्मत और विकास कार्य शुरू किए जा सकें।
विपक्ष को काम से मिलेगा जवाब
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विपक्ष चाहे कितना भी शोर मचाए, जनता को केवल काम और योजनाओं से ही प्रभावित किया जा सकता है। उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा कि वे जनता के बीच जाकर सरकार की योजनाओं की जानकारी दें और यह बताएं कि प्रदेश में विकास की गति लगातार तेज हो रही है।
बैठक का पूरा माहौल कार्ययोजना और जवाबदेही पर केंद्रित रहा। सभी नेताओं ने यह स्वीकार किया कि आने वाले महीनों में भाजपा का मुख्य फोकस पंचायत और निकाय चुनाव के साथ-साथ विधानसभा सत्र में विपक्ष को मजबूत जवाब देना होगा।
सीएम का “समन्वय संवाद” अभियान जारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का “समन्वय संवाद” अभियान आज भी जारी रहेगा। इस संवाद में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी शामिल रहेंगे। संवाद तीन सत्रों में आयोजित होगा।
सुबह 10.30 से 12.30 बजे पहले सत्र में बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, श्रीगंगानगर से प्रियंका बालान, झुंझुनूं से शुभकरण चौधरी, सीकर से सुमेधानंद सरस्वती और चूरू से प्रत्याशी देवेंद्र झाझड़िया शामिल होंगे।
दोपहर 2.30 से 4.30 बजे दूसरे सत्र में जोधपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, नागौर से ज्योति मिर्धा, बाड़मेर से कैलाश चौधरी, जालोर-सिरोही से लुम्बाराम और पाली से पीपी चौधरी मौजूद रहेंगे।
शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक तीसरा सत्र होगा। इसमें अलवर सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, अजमेर सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, जयपुर शहर से मंजू शर्मा, जयपुर ग्रामीण से राव राजेन्द्र सिंह और दौसा से कन्हैयालाल मीणा शामिल होंगे। इन बैठकों में संसदीय क्षेत्रवार विधायक और प्रत्याशी भी मौजूद रहेंगे।