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भारी बारिश से तबाही: कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ में बाढ़ जैसे हालात

भारी बारिश से तबाही: कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ में बाढ़ जैसे हालात

शोभना शर्मा।  राजस्थान इन दिनों मूसलाधार बारिश की मार झेल रहा है। राज्य के कोटा, बूंदी, झालावाड़ और सवाई माधोपुर जिलों में हालात बेहद खराब हो गए हैं। लगातार हो रही बारिश से नदियां और बांध उफान पर आ गए हैं, जिससे कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। हाड़ौती क्षेत्र में गांव दर गांव पानी में डूब गए हैं और सैकड़ों मकान धराशायी हो गए। ग्रामीण इलाकों में लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।

कोटा और हाड़ौती क्षेत्र में तबाही

कोटा जिले के हरि जी के निमोदा गांव सहित दीगोद उपखंड सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां भारी बारिश और बाढ़ के चलते 400 से अधिक कच्चे-पक्के मकान पूरी तरह से ढह गए। अचानक आए इस जलप्रलय ने लोगों का घर, सामान, अनाज और मवेशी सब कुछ छीन लिया। कई परिवार बेघर होकर अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने ऐसा पानी अपने जीवन में कभी नहीं देखा।

सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें गांव-गांव जाकर राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। नावों और ट्रैक्टरों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद गांवों में चारों ओर बर्बादी के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं।

सवाई माधोपुर में सूरवाल बांध ओवरफ्लो

सवाई माधोपुर जिले में सूरवाल बांध ओवरफ्लो हो गया है। इससे जड़ावता गांव में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला है। बांध से निकलते पानी ने गांव के पास लगभग दो किलोमीटर लंबी, 100 फीट चौड़ी और 55 फीट गहरी खाई बना दी है। इस खाई के गर्त में दो मकान, दो दुकानें और बालाजी व भेरू जी के मंदिर समा गए।

किसानों की कई बीघे जमीन बहाव में बह गई और खेत गहरी खाई में बदल गए। मिट्टी के कटाव को रोकने की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब इस आपदा को रोकना लगभग नामुमकिन हो चुका है।

प्रशासन और नेताओं की सक्रियता

हालात की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय विधायक और मंत्री करोडी लाल मीणा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मशीनों के जरिए पानी डायवर्ट करने और प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए। साथ ही सेना और SDRF की टीमों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।

जयपुर में जलभराव और बिजली कटौती

राजधानी जयपुर में भी हालात सामान्य नहीं हैं। लगातार दूसरे दिन हुई बारिश ने शहर के कई इलाकों को पानी-पानी कर दिया। बरसात के कारण सड़कों पर घुटने तक पानी भर गया, जिससे यातायात बाधित हुआ। लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे।

जयपुर के बरकत नगर और टोंक फाटक जैसे इलाकों में शनिवार रात से ही बिजली गुल रही। तकनीकी टीम को बिजली बहाल करने में लगभग सात घंटे लग गए। जयपुर विकास प्राधिकरण ने सुरक्षा कारणों से विद्याधर नगर स्थित किशन बाग और स्वर्ण जयंती पार्क को तीन दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।

उदयपुर में अस्पताल डूबा

उदयपुर में शनिवार देर रात महाराणा भूपाल सिंह अस्पताल के एक हिस्से में पानी भर गया। अस्पताल परिसर में पानी घुसने से मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

विशेषज्ञों की चेतावनी

मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि बारिश का सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के कटाव और शहरी क्षेत्रों में जलभराव से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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