मनीषा शर्मा । राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को जया बच्चन और जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोंकझोंक के बाद, विपक्ष उनके खिलाफ लामबंद हो गया है। इस नोकझोंक की शुरुआत भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी की विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर की गई टिप्पणी से हुई, जिसके बाद जया बच्चन और जगदीप धनखड़ के बीच टकराव हुआ। जया बच्चन ने धनखड़ के लहजे पर आपत्ति जताई, और धनखड़ ने विपक्ष पर सदन को बाधित करने और देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया।
इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। I.N.D.I.A ब्लॉक के 87 सांसदों ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के खिलाफ हस्ताक्षर कर दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब धनखड़ ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया हो। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि धनखड़ सत्ता पक्ष के खिलाफ कभी कड़ा रुख नहीं अपनाते, जबकि विपक्ष की आवाज़ को दबाया जाता है, विशेषकर महिला सांसदों को।
धनखड़ के खिलाफ यह गुस्सा पहले भी सामने आ चुका है। आप के सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण चटर्जी जैसे विपक्षी सांसदों के खिलाफ धनखड़ की ओर से पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ केवल विपक्ष को निशाना बनाते हैं, और सत्ता पक्ष के सवालों को नजरअंदाज करते हैं।
दूसरी ओर, एनडीए पूरी तरह से जगदीप धनखड़ के समर्थन में खड़ा है। भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने राज्यसभा में विपक्ष के रवैये की कड़ी आलोचना की और विपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। एनडीए के नेता जगदीप धनखड़ को समर्थन दे रहे हैं और विपक्ष की आलोचनाओं को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बता रहे हैं। एनडीए का मानना है कि विपक्ष का यह व्यवहार असंसदीय, अमर्यादित, और अनुशासनहीन है, और वे इसे सदन को बाधित करने की साजिश के रूप में देखते हैं।