मनीषा शर्मा। स्वतंत्रता दिवस के एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 1950 में संविधान अपनाने और उसका पालन करने से हमारी स्वतंत्रता में किसी प्रकार का दखल नहीं है। स्वतंत्रता को हल्के में नहीं लिया जा सकता और इसका महत्व अतीत की घटनाओं से समझा जा सकता है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आज का दिन हमें संविधान के मूल्यों को साकार करने और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का स्मरण कराता है। उन्होंने उन स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम किया जिन्होंने आजादी की लड़ाई में वकालत तक छोड़ दी।
उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, गोविंद वल्लभ पंत, देवी प्रसाद खेतान, सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह जैसे महापुरुषों के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने न केवल भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी बल्कि स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना में भी योगदान दिया। चीफ जस्टिस ने कोर्ट के मौजूदा प्रोसेस को भी आम आदमी के संघर्ष जैसा बताया और कहा कि सभी वर्गों के लोगों को न्याय दिलाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।