शोभना शर्मा। जयपुर शहर में जल्द ही यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। राज्य सरकार ने राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी क्रम में शुक्रवार, 1 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के प्रमुख शहरों और विशेष रूप से जयपुर की यातायात स्थिति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ।
इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की। सचिव सुधांश पंत, पुलिसबैठक में मुख्य महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा, जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA), आवासन एवं शहरी विकास विभाग, स्वायत्त शासन विभाग तथा गृह एवं यातायात विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक सुधार सिर्फ जुर्माना या चालान तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जनमानस के ट्रैफिक सेंस को बेहतर बनाना और सुविधाजनक परिवहन प्रणाली विकसित करना भी जरूरी है।
चिन्हित बस स्टैंडों के स्थानांतरण पर जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहर में पहले से चिन्हित किए गए ऑटो और बस स्टैंडों को शीघ्रता से शिफ्ट किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से हीरापुरा बस टर्मिनल से मानसून समाप्त होने के तुरंत बाद बस संचालन शुरू करने को कहा। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए कि नए स्थानांतरित बस स्टैंडों से शहर के विभिन्न हिस्सों में यात्रियों के लिए जेसीटीसीएल (JCTSL) की बस सेवाएं शुरू की जाएं, जिससे आमजन को आवागमन में असुविधा न हो।
वन-वे ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था
शहर में ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए सरकार वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था न केवल यातायात सुगम बनाएगी बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी लाएगी। इसके अलावा शहर में मल्टीलेवल पार्किंग के विकास को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख व्यावसायिक और सार्वजनिक स्थलों पर मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा से सड़क पर खड़ी गाड़ियों की समस्या काफी हद तक कम हो सकेगी।
ई-रिक्शा के संचालन पर नियंत्रण
जयपुर में ई-रिक्शा की अनियमितता को लेकर भी सरकार गंभीर है। बैठक में निर्देश दिए गए कि जोन आधारित ई-रिक्शा संचालन की दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। जेडीए को यह भी निर्देश मिला है कि जब्त ई-रिक्शाओं के लिए एक समुचित यार्ड की व्यवस्था जल्द की जाए, जिससे इन वाहनों का उचित प्रबंधन संभव हो सके।
ट्रैफिक नियमों की निगरानी के लिए तकनीकी समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा। इसके तहत शहरभर में अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे, जो यातायात की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम की स्थापना भी की जाएगी, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पर रियल टाइम निगरानी की जा सकेगी। इसके लिए राजस्थान ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड से वित्तीय सहायता ली जाएगी।
विभागों को सामूहिक जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार केवल पुलिस या किसी एक विभाग का कार्य नहीं है, बल्कि इसमें जेडीए, शहरी विकास विभाग, आवासन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग सभी की सामूहिक भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।