मनीषा शर्मा । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कोटपुतली-बहरोड़ जिले के ग्राम भांकरी में संशोधित पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) में विराटनगर क्षेत्र को शामिल करने पर आयोजित आभार एवं अभिनंदन समारोह में किसानों की समृद्धि के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती में बदलाव लाना आवश्यक है और राज्य सरकार किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को उन देशों में भेजेगी जहां उन्नत खेती की तकनीक का उपयोग होता है।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संकल्प पत्र के 45 प्रतिशत वादे मात्र 6 महीने में पूरे किए हैं। उन्होंने किसानों और पशुपालकों के लिए कई योजनाओं का उल्लेख किया, जैसे गेहूं की एमएसपी पर अतिरिक्त बोनस, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अल्पकालीन फसली ऋण।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पानी की समस्या पर विशेष ध्यान दिया और कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के लिए केन्द्र सरकार एवं मध्यप्रदेश के साथ एमओयू किया गया है। इस परियोजना से कोटपूतली-बहरोड़ सहित प्रदेश के 21 जिलों को पानी मिलेगा, जिससे पानी की समस्या दूर होगी।
शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार पर ईआरसीपी सहित प्रमुख पेयजल परियोजनाओं को अटकाने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार ने शेखावाटी अंचल के लिए यमुना जल समझौते के तहत केंद्र और हरियाणा सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों पर कुठाराघात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा, राजस्व राज्यमंत्री विजय सिंह, और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं उच्च अधिकारी उपस्थित थे।