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खैरथल मंडी में किसान कलेवा योजना से 33 हजार से अधिक किसानों को सस्ता भोजन

खैरथल मंडी में किसान कलेवा योजना से 33 हजार से अधिक किसानों को सस्ता भोजन

शोभना शर्मा।    राजस्थान सरकार द्वारा किसानों और मजदूरों के हित में शुरू की गई किसान कलेवा योजना अब खैरथल मंडी में किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। इस योजना के तहत विशिष्ट श्रेणी, ए श्रेणी और बी श्रेणी की मंडियों में आने वाले किसानों, हम्मालों, पल्लेदारों और तुलारों को मात्र 5 रुपए में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। खैरथल मंडी में इस योजना के शुरू होने के बाद से हजारों किसानों को इसका लाभ मिला है। आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक करीब 33,854 किसानों और पल्लेदारों ने किसान कलेवा रसोई में भोजन कर योजना का लाभ उठाया।

योजना का उद्देश्य: मंडी में दिनभर काम करने वालों के लिए सस्ता भोजन

मंडी सचिव राजेश करदम ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों को सस्ती और पौष्टिक भोजन सुविधा प्रदान करना है, ताकि मंडी परिसर में दिनभर मेहनत करने वाले किसानों और मजदूरों को बाहर से महंगा खाना न खरीदना पड़े। उन्होंने कहा, “किसान सुबह जल्दी अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचता है और पूरा दिन बिक्री में लग जाता है। ऐसे में किसान को रियायती दर पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है।” इस योजना के अंतर्गत एक थाली में 8 चपाती, दाल, सब्जी, सर्दियों में गुड़ और गर्मियों में छाछ दी जाती है। यह भोजन पोषक तत्वों से भरपूर होता है और किसानों को ऊर्जा प्रदान करता है ताकि वे अपना दिनभर का काम सुचारु रूप से कर सकें।

कूपन प्रणाली से सुनिश्चित होता है पारदर्शिता और सुविधा

मंडी सचिव ने बताया कि भोजन वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कूपन प्रणाली लागू की गई है। एक ट्रैक्टर पर दो कूपन जारी किए जाते हैं। मंडी के हम्माल, पल्लेदार और तुलारा को एक कूपन दिया जाता है। हर कूपन की वैधता 24 घंटे होती है। इस कूपन के जरिए किसान मात्र ₹5 देकर अच्छा और पौष्टिक भोजन कर सकता है। इससे मंडी में आने वाले मजदूरों और किसानों को न केवल सस्ता भोजन मिलता है, बल्कि स्वच्छ और संतुलित आहार की सुविधा भी प्राप्त होती है।

लगातार बढ़ रहा है किसानों का भरोसा

खैरथल कृषि उपज मंडी में इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

  • वर्ष 2023-24 में 78,216 किसान और पल्लेदारों ने इस योजना के तहत भोजन किया था।

  • वर्ष 2024-25 में अब तक 57,304 लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।

इन आंकड़ों से साफ है कि किसान कलेवा योजना न केवल लोकप्रिय हो रही है, बल्कि किसानों के बीच भरोसे का प्रतीक बन गई है।

किसान संघों ने प्याज मंडी यार्ड में भी योजना लागू करने की मांग की

किसान संघों और सब्जी मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों ने मंडी सचिव से यह मांग उठाई है कि किसान कलेवा योजना को प्याज मंडी यार्ड में भी लागू किया जाए। उनका कहना है कि प्याज और अन्य सब्जियों की बिक्री करने वाले किसान भी सुबह से शाम तक मंडी परिसर में रहते हैं, इसलिए उन्हें भी रियायती दर पर भोजन का लाभ मिलना चाहिए। इस संबंध में मंडी प्रशासन ने राज्य सरकार को प्रस्ताव (Proposal) भेज दिया है ताकि जल्द ही फल-सब्जी मंडी यार्ड में भी यह योजना लागू की जा सके।

प्याज लेकर आने वाले किसानों को भी मिल रही है भोजन सुविधा

कृषि उपज मंडी समिति ने बताया कि जो किसान प्याज लेकर मंडी में आते हैं और मंडी गेट से विक्रय पर्ची प्राप्त करते हैं, उन्हें भी भोजन सुविधा दी जा रही है। यानी, जो भी किसान मंडी के आधिकारिक विक्रय प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है, उसे किसान कलेवा योजना के तहत रियायती भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

योजना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

किसान कलेवा योजना केवल सस्ते भोजन की सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी व्यापक है। इस योजना से गरीब किसानों और मजदूरों की आर्थिक बचत हो रही है। मंडी में काम करने वाले लोगों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिल रहा है। किसानों में सरकारी योजनाओं के प्रति भरोसा बढ़ा है।

यह पहल न केवल किसानों के जीवनस्तर में सुधार ला रही है, बल्कि उन्हें सम्मान और सुरक्षा की भावना भी प्रदान कर रही है।  किसान कलेवा योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसने खैरथल जैसे कृषि केंद्रों में किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया है। पांच रुपए में पौष्टिक भोजन की सुविधा ने हजारों किसानों और पल्लेदारों को राहत दी है।

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