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केंद्र सरकार की ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना

केंद्र सरकार की ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना

शोभना शर्मा।  केंद्र सरकार ने भारत में शिक्षा और अनुसंधान को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना सभी सरकारी उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक पहुंच प्रदान करने का एक अनूठा प्रयास है। इस पहल से न केवल छात्रों और शोधकर्ताओं को फायदा होगा, बल्कि यह भारत को ज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

योजना की मुख्य विशेषताएं और उद्देश्य

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना (ONOS) का उद्देश्य देश के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को एकीकृत मंच पर प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और रिसर्च जर्नल्स तक मुफ्त पहुंच प्रदान करना है।

  • एकीकृत राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म: INFLIBNET (Information and Library Network) इस योजना को लागू करने वाला प्रमुख निकाय होगा।
  • 6,000 करोड़ रुपये का बजट: इस योजना के लिए तीन वर्षों (2025-2027) तक का बजट तय किया गया है।
  • पत्रिकाओं और प्रकाशकों का व्यापक कवरेज: योजना के तहत लगभग 13,000 प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाएं और 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक शामिल किए गए हैं।
  • सभी विषयों को कवर करना: योजना विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और अन्य विषयों से संबंधित सभी क्षेत्रों को कवर करेगी।

योजना का लाभ उठाने वाले संस्थान और लाभार्थी

इस योजना का दायरा बेहद व्यापक है।

  • सरकारी उच्च शिक्षा संस्थान: इसमें सभी राज्य और केंद्र सरकार संचालित विश्वविद्यालय, कॉलेज और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान जैसे IITs, IISERs और NITs शामिल हैं।
  • अनुसंधान एवं विकास केंद्र: R&D से संबंधित संस्थान भी इस योजना के लाभार्थियों में शामिल हैं।
  • कम संसाधन वाले संस्थान: जिन संस्थानों के पास सीमित वित्तीय संसाधन हैं, वे अब महंगे अंतरराष्ट्रीय सब्सक्रिप्शन का लाभ उठा सकेंगे।
  • छात्र और शोधकर्ता: इस योजना के तहत छात्रों और शोधकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सामग्री तक आसानी से पहुंच मिलेगी।

योजना का महत्व और संभावित प्रभाव

यह योजना भारत के शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

  1. गुणवत्ता शिक्षा और अनुसंधान में वृद्धि: अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स तक पहुंच से छात्रों और शोधकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले शोध करने में मदद मिलेगी।
  2. वित्तीय बचत: हर संस्थान को अलग-अलग सब्सक्रिप्शन लेने की जरूरत नहीं होगी, जिससे लाखों रुपये की बचत होगी।
  3. शोध में आत्मनिर्भरता: इससे भारतीय शोधकर्ता विश्वस्तरीय शोध कर सकेंगे और देश की अनुसंधान क्षमता में वृद्धि होगी।
  4. विदेशी मुद्रा की बचत: महंगे अंतरराष्ट्रीय सब्सक्रिप्शन पर होने वाले व्यय को राष्ट्रीय स्तर पर समेकित किया जाएगा।

योजना के प्रमुख प्रकाशक और उनकी पत्रिकाएं

इस योजना में 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • Elsevier ScienceDirect
  • Springer Nature
  • Wiley Blackwell Publishing
  • Taylor and Francis
  • SAGE Publishing
  • Oxford University Press
  • Cambridge University Press
  • BMJ Journals

कब और कैसे लागू होगी योजना?

ONOS योजना 1 जनवरी 2025 से लागू की जाएगी। इसके लिए सभी लाभार्थी संस्थानों को INFLIBNET के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। यह योजना पूरी तरह से निशुल्क है, और इसका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

वर्तमान चुनौतियां और ONOS का समाधान

अभी तक भारत में अधिकांश सरकारी संस्थानों को महंगे अंतरराष्ट्रीय सब्सक्रिप्शन का लाभ नहीं मिल पाता था। इसके कारण छात्रों और शोधकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सामग्री से वंचित रहना पड़ता था। ONOS योजना इस समस्या का समाधान करेगी।

  1. अनेक संस्थानों का एकीकृत समाधान: यह योजना अलग-अलग संस्थानों के लिए अलग-अलग सब्सक्रिप्शन लेने की बाध्यता खत्म कर देगी।
  2. सभी क्षेत्रों में समानता: आर्थिक रूप से कमजोर संस्थानों को भी समान सुविधाएं प्राप्त होंगी।
  3. राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान में एकरूपता: सभी संस्थानों को समान स्तर पर शोध सामग्री उपलब्ध होगी।

सरकार की बड़ी पहल: वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन और आत्मनिर्भर भारत

ONOS योजना सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है। यह योजना शिक्षा और अनुसंधान को डिजिटल युग के अनुरूप बनाएगी और भारत को ज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगी।

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