शोभना शर्मा। राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह को देश-विदेश से प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि देश की गंगा-जमुनी तहजीब का भी अद्वितीय केंद्र माना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में दरगाह परिसर में चोरी, मारपीट और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं में लगातार इज़ाफ़ा देखने को मिला है। इसी पृष्ठभूमि में अजमेर की अदालत ने दरगाह परिसर की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है।
अदालत का सख्त रुख
सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (अजमेर पश्चिम), मनमोहन चंदेल ने अपने आदेश में कहा कि दरगाह परिसर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने दरगाह समिति को निर्देश दिया कि अपने खर्च पर परिसर के भीतर हर संभव स्थान पर CCTV कैमरे लगाए जाएं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस आदेश का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता
दरगाह परिसर में सालभर देशभर से लाखों लोग दर्शन और अकीदत के लिए आते हैं। ऐसे में चोरी और विवाद की घटनाओं से श्रद्धालुओं में असुरक्षा का माहौल बनता है। अदालत ने माना कि CCTV कैमरे लगाने से न केवल अपराधों पर नियंत्रण किया जा सकेगा, बल्कि किसी घटना के दौरान इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य उपलब्ध रहेंगे, जिससे जांच और अभियोजन में आसानी होगी।
जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश
अदालत ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि वे दरगाह समिति को हर संभव सहयोग प्रदान करें। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति कैमरे लगाने के कार्य में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अदालत ने यह भी कहा कि दरगाह परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
75% क्षेत्र में कैमरे, आस्ताना अभी खाली
दरगाह परिसर में वर्ष 2007 से अब तक 57 CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो लगभग 75% हिस्से को कवर करते हैं। हालांकि, सबसे संवेदनशील क्षेत्र यानी मुख्य दरगाह (गुंबद) और आस्ताने के भीतर अब तक कैमरे नहीं लगाए जा सके हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह स्थानीय स्तर पर उठी आपत्तियां रही हैं। अदालत ने अब स्पष्ट कहा है कि इस काम में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पांच दिनों के भीतर इस प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। साथ ही, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को इसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया गया है।
केंद्र सरकार भी कर रही है तैयारी
केवल स्थानीय प्रशासन ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार भी दरगाह की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि आगामी 814वें उर्स से पहले दरगाह परिसर में विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश-विदेश से आने वाले लाखों तीर्थयात्री सुरक्षित और निडर वातावरण में अपनी धार्मिक आस्था व्यक्त कर सकें।
श्रद्धालुओं की राहत
CCTV कैमरे लगाए जाने के आदेश से श्रद्धालुओं में राहत की भावना भी देखने को मिली है। कई श्रद्धालु मानते हैं कि इससे चोरी और हिंसा की घटनाओं में कमी आएगी और विवाद होने की स्थिति में जांच के लिए ठोस सबूत मिल सकेंगे।


