मनीषा शर्मा, अजमेर। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के एक अधिकारी के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों को चोरी और तोड़ने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी अजमेर के अलवर गेट थाना पुलिस द्वारा की गई, जिसमें आरोपी आलोक भारद्वाज शर्मा को उसके घर से पकड़ा गया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है, ताकि मामले में और जानकारियाँ हासिल की जा सकें।
गौरतलब है कि आरोपी पर पहले से ही कई गंभीर आरोप लगे हैं। राजकोट में तैनात ईडी अधिकारी जय किशन हिंगोरानी, जो एमडी कॉलोनी, नाका मदार, अजमेर के निवासी हैं, ने इस मामले की शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि 4 अगस्त की सुबह जब उन्होंने अपने घर के कैमरों का मोबाइल के जरिए मुआयना किया, तो पाया कि चार में से दो कैमरे काम नहीं कर रहे थे। जांच करने पर सामने आया कि एक कैमरे को तार काटकर चोरी किया गया था और दूसरे कैमरे का तार खींचकर कनेक्शन काटा गया था।
घटना की पूरी जांच के लिए जब पिछले दिनों की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को देखा गया, तो 28 जुलाई का वीडियो में एक संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिया। उस व्यक्ति ने अपने चेहरे को कपड़े से ढक रखा था और वह घर की रेकी करता हुआ नजर आया। पहले वह मेन गेट खोलकर अंदर गया और घर का जायजा लिया। फिर वह घर के चारों तरफ लगे कैमरों की तरफ बढ़ा। वह कैमरे तक पहुँचने में बाधा बन रहे एक पेड़ की टहनी को भी तोड़ता दिखाई दिया। इसके बाद, वह औजारों के साथ घर के अंदर घुस गया और कुछ देर बाद दोनों कैमरे डिस्कनेक्ट हो गए।
सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाले हुलिए के आधार पर आरोपी की पहचान उसी इलाके में रहने वाले आलोक भारद्वाज शर्मा के रूप में की गई। ईडी अधिकारी जय किशन का कहना है कि आलोक शर्मा से उनकी रंजिश और द्वेष का मामला पहले से कोर्ट में विचाराधीन है। इसके चलते अधिकारी अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं और उन्हें भय सता रहा है कि कहीं उनकी जान को खतरा न हो।
इस गंभीर मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए जांच शुरू की। आरोपी को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए गए। इस बीच, आरोपी फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में तेजी लाते हुए उसे आज उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आरोपी आलोक भारद्वाज शर्मा पर ईडी अधिकारी को धमकाने का मामला भी पहले से राजकोट में दर्ज है, जिसके चलते इस घटना को और भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
अलवर गेट थाना पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या इस घटना में और कोई भी शामिल है या यह कोई सुनियोजित साजिश थी। पुलिस इस मामले में ईडी अधिकारी की सुरक्षा को लेकर भी सतर्क है और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं।