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ऑनलाइन पोर्टल से जयपुर के कारीगर-बुनकरों का व्यापार बढ़ा

ऑनलाइन पोर्टल से जयपुर के कारीगर-बुनकरों का व्यापार बढ़ा

मनीषा शर्मा। पिछले कुछ सालों में शॉपिंग के तरीकों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जहां पहले लोग सिर्फ ऑफलाइन खरीदारी पर निर्भर थे, अब डिजिटल युग में लोग ऑनलाइन माध्यम से भी खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा लोकल कारीगरों और बुनकरों को हुआ है, जो अपने उत्पादों को डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से देश-विदेश में बेचने में सक्षम हो रहे हैं। जयपुर के कारीगर और बुनकर भी इस बदलाव का हिस्सा बनते हुए अपने उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्म जैसे अमेजन के जरिए देश-विदेश तक पहुंचा रहे हैं।

अमेजन कारीगर कार्यक्रम का योगदान

अमेजन इंडिया ने छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए कई विशेष प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को बड़े बाजारों से जोड़ना है। “अमेजन कारीगर” प्रोग्राम के तहत जयपुर के कारीगर अपने हस्तनिर्मित उत्पादों को ऑनलाइन बेचकर अपना व्यापार बढ़ा रहे हैं। कंपनी के अनुसार, अब तक लगभग 1.6 मिलियन कारीगर अमेजन कारीगर प्रोग्राम से जुड़ चुके हैं।

सेलर्स के लिए विशेष प्रोग्राम्स

अमेजन इंडिया के सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के डायरेक्टर अमित नंदा ने बताया कि कंपनी छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए कई तरह के प्रोग्राम चला रही है, जैसे “कारीगर” और “सहेली”। इन प्रोग्राम्स के जरिए छोटे व्यापारियों को डिजिटल मंच से जुड़ने और उनके उत्पादों को अधिक व्यापक बाजार में प्रस्तुत करने का अवसर मिल रहा है। नंदा ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि छोटे और मध्यम व्यापारियों को ई-कॉमर्स की शक्ति का फायदा मिले और उनके लिए नए रास्ते खुले। इससे न सिर्फ उनका व्यापार बढ़ेगा, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान होगा।”

देश-विदेश में बढ़ी मांग

जयपुर के बुनकर और कारीगर, जो पारंपरिक रूप से हाथ से बने उत्पाद तैयार करते हैं, अब डिजिटल मंचों के माध्यम से अपने उत्पादों की बिक्री को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। उनके उत्पादों की मांग न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है। कारीगरों के उत्पादों में हाथ से बनी साड़ियां, कपड़े, गहने, हस्तशिल्प, और अन्य कस्टमाइज्ड उत्पाद शामिल हैं, जिन्हें ग्राहक ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

ई-कॉमर्स का विकास और भविष्य

अमित नंदा ने यह भी बताया कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। आने वाले सालों में, यह बाजार 8% की विकास दर के साथ 21 से 25 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। ई-कॉमर्स कंपनियां तेजी से उपभोक्ताओं की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए काम कर रही हैं, जिससे छोटे व्यापारियों को अधिक अवसर मिल रहे हैं।

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