मनीषा शर्मा। जैसलमेर जिले में थईयात मार्ग पर मंगलवार को हुई भीषण बस आग की घटना में अब पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस हादसे में जहां 22 यात्रियों की मौत हो चुकी है और 13 लोग घायल हैं, वहीं पुलिस ने बस चालक शौकत और बस मालिक तुराब अली को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने बताया कि हादसे को लेकर दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई थीं — एक शिकायत मृतक राजेन्द्रसिंह चौहान के भाई चंदनसिंह की ओर से और दूसरी मृतक गोपीलाल दर्जी के भाई जगदीश की ओर से। इन्हीं शिकायतों के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू की।
जैसलमेर हादसे के बाद त्वरित कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक शिवहरे ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कई गंभीर पहलू सामने आए हैं। बस में आग लगने की घटना के दौरान चालक और मालिक की लापरवाही की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि पुलिस ने तुरंत गिरफ्तारी की कार्रवाई की। पूछताछ में तकनीकी खामियों और बस की सुरक्षा मानकों को लेकर कई अहम तथ्य भी सामने आए हैं।
SIT का गठन
हादसे की गहराई से जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। इस टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत, उप अधीक्षक रूपसिंह इन्दा, नाचना थानाधिकारी बूटाराम, सदर थानाधिकारी सूरजाराम और सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र कुमार को शामिल किया गया है। एसआईटी न केवल हादसे के कारणों की तह तक जाएगी, बल्कि यह भी पता लगाएगी कि कहीं बस में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन तो नहीं हुआ था।
एसआईटी तकनीकी खामियों, बस की स्थिति, लाइसेंस और परमिट से लेकर आग लगने के संभावित कारणों की बारीकी से जांच करेगी। टीम यह भी देखेगी कि हादसे के समय बस चालक ने कौन-सी सावधानियां बरतीं और क्या उचित सुरक्षा उपकरण मौजूद थे।
जांच रिपोर्ट में लग सकता है समय
एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार करने में समय लगेगा, क्योंकि इसमें कई तकनीकी पहलू और फोरेंसिक साक्ष्य शामिल हैं। बस का निर्माण चित्तौड़गढ़ में हुआ था, इसलिए वहां से भी तकनीकी विवरण मंगाए जा रहे हैं। इसके अलावा पीड़ितों के बयान, रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट, डीएनए जांच और अन्य प्रमाणों को जोड़कर ही अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
22 की मौत और 13 घायल
पुलिस के अनुसार अब तक इस भीषण हादसे में 22 यात्रियों की जान जा चुकी है, जबकि 13 लोग घायल हैं और जोधपुर में उनका उपचार चल रहा है। हादसे में कई शव बुरी तरह झुलस गए थे, जिसके चलते डीएनए जांच की प्रक्रिया की जा रही है। 19 शवों में से 18 की पहचान डीएनए से की जा चुकी है जबकि एक शव की पहचान प्रक्रिया जारी है।
तकनीकी जांच पर जोर
पुलिस का कहना है कि बस में आग लगने की वजह तकनीकी खराबी, शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य कारण से हुई होगी, लेकिन इसके लिए विस्तृत फोरेंसिक जांच जरूरी है। इस कारण से जांच रिपोर्ट में थोड़ा समय लग सकता है। पुलिस ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
परिजनों में आक्रोश
इस दर्दनाक हादसे के बाद पीड़ित परिवारों में गहरा आक्रोश है। कई परिवारों ने सवाल उठाए हैं कि यदि बस में पर्याप्त सुरक्षा उपाय होते तो इतनी बड़ी संख्या में जानें नहीं जातीं। मृतकों के परिजन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन पर दबाव
घटना के बाद से प्रशासन और सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है। लोगों की मांग है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए और बस परिवहन के नियमों में सख्ती लाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।