मनीषा शर्मा। राजस्थान इस समय जबरदस्त गर्मी की चपेट में है। पश्चिमी जिलों में तापमान इतना बढ़ गया है कि पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड टूट गए हैं। सबसे अधिक असर बाड़मेर में देखने को मिला जहां अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह इस क्षेत्र का एक दशक में सबसे अधिक तापमान है। वहीं, जैसलमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और जयपुर जैसे अन्य जिलों में भी पारा 42 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है।
राजधानी जयपुर में दिन का तापमान 42°C दर्ज किया गया, जबकि बाड़मेर में रात का न्यूनतम तापमान भी 31.5°C रहा, जो सामान्य से 4.3 डिग्री अधिक है। यह दर्शाता है कि गर्मी सिर्फ दिन में ही नहीं, रात में भी लोगों को चैन नहीं लेने दे रही है। मौसम विभाग ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दो जिलों में लू के लिए ऑरेंज अलर्ट और 20 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। ऑरेंज अलर्ट का अर्थ है कि इन क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी पड़ने वाली है, जिससे स्वास्थ्य पर सीधा असर हो सकता है। वहीं, येलो अलर्ट वाले जिले भी हीटवेव की चपेट में हैं, जहां लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
हालांकि गर्मी के इस प्रचंड दौर के बीच मौसम विभाग ने कुछ राहत भरी खबर भी दी है। अगले 24 से 48 घंटों में भरतपुर, बीकानेर और जयपुर संभाग के 14 जिलों में मौसम में परिवर्तन की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में बादल छाने, तेज आंधी चलने और हल्की बारिश होने की उम्मीद है। यह बदलाव 10 और 11 अप्रैल को प्रभावी रह सकता है, जिससे लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
माउंट आबू, जो सामान्यतः ठंडी जगह मानी जाती है, वहां भी दिन का तापमान 32 डिग्री तक दर्ज किया गया। यह दिखाता है कि गर्मी का प्रभाव पूरे राज्य में व्यापक रूप से महसूस किया जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में आसमान साफ रहा और तीव्र धूप के कारण तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। पश्चिमी राजस्थान में सबसे अधिक गर्मी का असर देखने को मिला, जहां जैसलमेर में भी अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजस्थान के नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें, शरीर को हाइड्रेट रखें और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। मौसम विभाग आने वाले दिनों में और अधिक तापमान वृद्धि की आशंका जता रहा है, खासकर 11 अप्रैल के बाद गर्मी दोबारा अपना प्रचंड रूप दिखा सकती है।