शोभना शर्मा। फिल्ममेकर अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। उनकी अपकमिंग फिल्म ‘फुले’ पर सेंसर बोर्ड की कार्रवाई और सोशल मीडिया पर उनके द्वारा की गई विवादित टिप्पणी ने देशभर में एक नया जातीय विवाद खड़ा कर दिया है। अनुराग कश्यप ने ब्राह्मण समाज के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की, जिसके बाद ब्राह्मण समाज ने विरोध जताते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने बजाज नगर थाने में फिल्म निर्माता के खिलाफ शिकायत दी है। अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ के युवा अध्यक्ष केशव दाधीच और अन्य प्रतिनिधियों ने मांग की है कि अनुराग कश्यप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस पूरे विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब अनुराग कश्यप ने फिल्म ‘फुले’ में सेंसर बोर्ड द्वारा की गई कटौती के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा कि अगर भारत में जातिवाद समाप्त हो चुका है, जैसा कि कुछ लोग दावा करते हैं, तो फिर ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को सामाजिक लड़ाई लड़ने की आवश्यकता क्यों पड़ी थी? उन्होंने यह भी कहा कि अब जब जातिवाद नहीं रहा, तो ब्राह्मण समाज को इस फिल्म से क्या आपत्ति हो सकती है?
इस पोस्ट में कश्यप ने न सिर्फ सेंसर बोर्ड पर निशाना साधा, बल्कि एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए ब्राह्मणों के खिलाफ “पेशाब” करने जैसा अशोभनीय वक्तव्य दे डाला, जिससे विवाद और अधिक बढ़ गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा और ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों ने उनके खिलाफ देशभर में FIR दर्ज कराई।
अनुराग कश्यप पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने इस विवाद को जानबूझकर हवा दी है। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने तंज कसते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि “मैं अपनी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि एक लाइन के लिए माफी मांगता हूं, जिसे गलत संदर्भ में लिया गया।” कश्यप ने यह भी बताया कि उनके परिवार और सहकर्मियों को रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जो बेहद निंदनीय है।
18 अप्रैल को उन्होंने दोबारा एक पोस्ट में माफी मांगते हुए लिखा कि “ब्राह्मण लोग औरतों को बख्श दें, इतना संस्कार तो शास्त्रों में भी है। आप कौन से ब्राह्मण हैं, ये तय कर लीजिए।” उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “मनुवादियों और गैर-संस्कारी ब्राह्मणों के लिए माफी।”
अनुराग कश्यप की जातिगत पहचान को लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई लोग जानना चाह रहे हैं कि कश्यप खुद किस जाति से आते हैं। उल्लेखनीय है कि 2018 में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान अनुराग कश्यप ने खुद बताया था कि उनका असली नाम रिंकू सिंह था, लेकिन उनके पिता ने आपातकाल के दौरान ‘सिंह’ शब्द हटाकर ‘कश्यप’ सरनेम अपनाया। गौरतलब है कि अनुराग कश्यप का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 10 सितंबर 1972 को हुआ था। उनके पिता प्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में मुख्य अभियंता के पद पर थे।