मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने अपने कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के करीब 6 लाख नॉन गजटेड कर्मचारियों को इस बार भी एडहॉक बोनस मिलेगा। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री की मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने बोनस के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे सरकार पर करीब 500 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।
सरकार ने कर्मचारियों को इस बोनस में 75 प्रतिशत राशि नकद और 25 प्रतिशत राशि उनके जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) खाते में जमा करने का प्रावधान किया है। इस निर्णय से लाखों सरकारी कर्मचारियों को त्योहार से पहले बड़ी राहत मिलेगी।
पे लेवल एल-12 तक के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पे-मैट्रिक्स में पे लेवल एल-12 या ग्रेड पे 4800 और उससे कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा। बोनस की गणना 7000 रुपए और 30 दिन के महीने के आधार पर की जाएगी। कर्मचारियों को अधिकतम 7000 रुपए का बोनस मिलेगा।
यह बोनस नॉन गजटेड राज्य कर्मचारियों के अलावा पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को भी दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह परंपरा हर साल दिवाली से पहले निभाई जाती है, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलती है।
दिवाली बोनस पर सरकार का 500 करोड़ रुपए का भार
इस बोनस को देने से राज्य सरकार पर लगभग 500 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। वित्त विभाग ने बोनस की राशि का वितरण समय पर सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार, बोनस की राशि सीधे कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
सरकार का मानना है कि यह बोनस न केवल कर्मचारियों को त्योहार पर राहत देगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग को भी बढ़ाएगा।
हाल ही में डीए में 3% की बढ़ोतरी
दिवाली बोनस की घोषणा से 10 दिन पहले ही राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इससे अब डीए 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के कदम के तुरंत बाद यह निर्णय लिया। 1 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ाने की घोषणा की थी और इसके कुछ ही दिनों बाद राज्य ने भी अपने कर्मचारियों को यह लाभ दिया।
8 लाख कर्मचारियों और 4.40 लाख पेंशनर्स को डीए का लाभ
राजस्थान में लगभग 8 लाख कर्मचारी और 4.40 लाख पेंशनर्स हैं। इन सभी को बढ़े हुए डीए का सीधा लाभ मिलेगा। पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को भी इस बढ़ोतरी का फायदा होगा। यह डीए जुलाई से प्रभावी माना जाएगा।
वित्त विभाग के अनुसार, डीए में इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर 1230 करोड़ रुपए का सालाना अतिरिक्त भार आएगा। यह राशि कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड खातों और पेंशनर्स को नकद भुगतान के रूप में दी जाएगी।
नवंबर के वेतन से नकद भुगतान
कर्मचारियों को अक्टूबर के वेतन के साथ नवंबर में बढ़े हुए डीए का नकद भुगतान किया जाएगा। वहीं, 1 जुलाई से 30 सितंबर तक की तीन महीने की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में जमा की जाएगी। पेंशनर्स को 1 जुलाई से ही बढ़े हुए डीए का नकद भुगतान किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि डीए और बोनस की इन घोषणाओं से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और त्योहारों के समय उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
बोनस और डीए से दोहरा फायदा
दिवाली से पहले राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बोनस और डीए बढ़ाकर दोहरा फायदा देने का काम किया है। जहां बोनस से कर्मचारियों को त्योहार पर सीधा नकद लाभ मिलेगा, वहीं डीए में बढ़ोतरी से उनका मासिक वेतन भी बढ़ेगा। इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति में इजाफा होगा।
सरकार के इस कदम से लगभग 12.4 लाख परिवारों को लाभ होगा, जिनमें 8 लाख सक्रिय कर्मचारी और 4.40 लाख पेंशनर्स शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य की पंचायत समितियों और जिला परिषदों के कर्मचारी भी लाभार्थी होंगे।